- एक डॉक्टर दूसरे डॉक्टर से बात करके करें रेफर

- मेडिकल हॉस्पीटल पहुंचने के लिए सड़कें होनी चाहिए चौड़ी

- डॉ। नरेश त्रेहान के हाथों दिया गया टॉपर को गोल्ड मेडल

- पीएमसीएच में बन सकता है एक साथ दो हॉस्पीटल

PATNA : पीएमसीएच में एक साथ दो हॉस्पीटल बन सकता है। यहां पर सबसे अधिक पेशेंट आते हैं। स्पेशलिस्ट डॉक्टर रहते हैं। ऐसे में यहां दो हॉस्पीटल खोल देना चाहिए ताकि पेशेंट को कम से कम परेशानी आए। फाउंडेशन डे प्रोग्राम में चीफ गेस्ट के रूप आए डॉ। डीवाई पाटिल ने कहा कि उन्होंने पीएमसीएच बेहतर डॉक्टर और बेहतर इलाज के लिए जाना जाता है। उम्मीद है यह आगे भी बरकरार रहेगा। वहीं इस मौके पर आए एम्स के डायरेक्टर डॉ। जीके सिंह ने कहा कि मेडिकल कॉलेज रिमोट से नहीं चल सकता है। इसके लिए इसे स्वायत्तता मिलनी चाहिए। पीएमसीएच को लेकर भी यह होनी चाहिए और इस दिशा में सबको आगे बढ़कर काम करना चाहिए।

रेफर करने से पहले करें बातचीत

किसी भी पेशेंट को रेफर करने से पहले डॉक्टरों को चाहिए कि वो एक दूसरे से बात कर लें। ताकि पेशेंट को सही समय पर सही डॉक्टर का हाथ मिल जाए, यह नहीं कि सारे पेशेंट को पीएमसीएच ही भेज दिया जाए। अगर यहां पहुंचता भी है तो डॉक्टर के पास पहले से कई पेशेंट का रस रहता है। इस पर काम करने की जरूरत है। डॉ। जीके सिंह ने कहा कि हॉस्पीटल तक पहुंचने के लिए आसपास की सड़कें चौड़ी होनी चाहिए। तभी समय पर एंबुलेंस पहुंच सकता है। अब तक कई दफा तो पेशेंट की जान एंबुलेंस में ही चली जाती है। फाउंडेशन सेलिब्रेशन की शुरुआत के बाद मंच पर मौजूद चीफ गेस्ट सहित सीनियर ने अपनी बातें रखीं। इस मौके पर डॉ। नरेश त्रेहान के हाथों मेडिकल स्टूडेंट को गोल्ड मेडल भी दिया गया।

पेशेंट के बीच बनाएं विश्वास

70 विदेश, तीन सौ अदर स्टेट सहित सात सौ पूरे बिहार में पीएमसीएच के एलुमिनाई को संबोधित करते हुए डॉ। नरेश त्रेहान ने कहा कि डाक्टरों पर से पब्लिक का विश्वास उठता जा रहा है। अगर कोई डॉक्टर इस तरह का काम कर रहे हैं तो फौरन छोड़ दें। क्योंकि बेहतर चिकित्सा ही विश्वास बना और घटा सकता है। इस अवसर पर क्970 बैच के डॉक्टर आरएन सिंह ने बताया कि उनके बैच के ब्भ् परसेंट अमेरिका-इंग्लैंड में हैं और तीस परसेंट पीएमसीएच जैसे बड़े संस्थानों में हैं। फाउंडेशन डे के आखिरी दिन एलुमिनाई ने जमकर मस्ती की।