-सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक बदं रहेगी ओपीडी

-हॉस्पिटल के इमरजेंसी और ट्रामा सेंटर नहीं होंगे बंद

<-सुबह म् बजे से शाम म् बजे तक बदं रहेगी ओपीडी

-हॉस्पिटल के इमरजेंसी और ट्रामा सेंटर नहीं होंगे बंद

BAREILLYBAREILLY :

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह फ्राइडे को संसद में पेश होने वाला नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन विरोध कर रही है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ट्यूजडे को विरोध करते हुए सुबह म् बजे से शाम म् बजे तक ओपीडी बंद रखेगी, लेकिन इस दौरान निजी हॉस्पिटल संचालक इमरजेंसी और ट्रामा सेंटर्स को बंद नहीं रखेंगे। शहर के डॉक्टर्स ने इसके लिए पूरी तैयारी भी कर ली है।

ख्ब् राज्य नहीं कर सकेंगे प्रतिनिधित्व

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों का कहना है कि नए बिल नेशनल मेडिकल कमीशन में ख्ब् राज्यों को कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा। जबकि इस कमीशन में भ् राज्य ही प्रतिनिधित्व कर सकेंगे, जिससे ख्ब् राज्यों की कोई सुनवाई नहीं होगी। इसके साथ ही चिकित्सा परिषद अपने प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों पर जो नियंत्रण रखती थी और समय-समय पर आदेशित करती थी। उसका पूरा नियंत्रण उन मेडिकल कॉलेजों से हट जाएगा। सभी कार्य कमीशन के माध्यम से नियंि1त्रत होगे।

इमरजेंसी और ट्रॉमा सेंटर रहेंगे ओपन

शहर में डॉक्टर्स मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के बिल का विरोध करते हुए केवल ओपीडी ही बंद रखेंगे। लेकिन इस दौरान इमरजेंसी और ट्रॉमा में आने वाले मरीजों का इलाज सभी निजी हॉस्पिटल करेंगे, जिससे पब्लिक को कोई समस्या का सामना न करना पड़े। डॉक्टर्स का कहना है कि नए बिल के वह विरोध में हैं, इससे इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे देश में निजी मेडिकल कॉलेज तो खुल जाएंगे, जिससे शिक्षा चिकित्सा के स्तर में गिरावट आएगी। इसीलिए निजी मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया को सरल नहीं बनाना चाहिए।

इन बिन्दुओं का कर रहे विरोध

-नए मेडिकल कमीशन बिल से भारत में नए निजी मेडिकल कॉलेजों को खोलने की प्रक्रिया में सरलीकरण हो जाएगा।

-कमीशन में केवल भ् राज्यों का प्रतिनिधित्व होना, जिससे बाकी ख्ब् राज्यों की कमीशन में सुनवाई नहीं होगी।

-ख्ब् राज्यों का प्रतिनिधि कमीशन में होकर प्रतिनिधि सलाहकार समिति में होगा लेकिन उसको मेडिकल एडवाइजरी कमेटी का कोई अधिकार नहीं होगा।

-यह बिल ब्रिजकोर्स को प्रारंभ कर रहा है जिसको करने के बाद कोई भी रोगियों को दवा लिख सकेगा।

-विदेशी शिक्षा प्राप्त करने के बाद भारत में एक भारतीय चिकित्सा परिषद की एक परीक्षा उत्तीर्ण कर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही प्रैक्टिस करने की अनुमति मिलती थी, लेकिन बिल के बाद विदेशी शिक्षा प्राप्त करने के बाद भारत में प्रैक्टिस करने का अधिकारी होगा।

-नए कमीशन से भारतीय चिकित्सा संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को रजिस्ट्रेशन के समय परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी, लेकिन प्रैक्टिस के लिए कोई परीक्षा उत्तीण नहीं करनी है।

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पूरे देश में डॉक्टर ओपीडी, लैब और क्लीनिक बंद रखेंगे। इस दौरान इमरजेंसी और ट्रामा की सुविधा बंद नहीं होगी।

प्रमेन्द्र महेश्वरी, अध्यक्ष आईएमए