-200 से ज्यादा घरों की हुई जांच 30 घरों में मिला डेंगू मच्छर का लार्वा, 20 को भेजा नोटिस

-सरकारी विभागों में भी की जाएगी जांच, लार्वा मिलने पर देंगे नोटिस

दबे पांव ही सही डेंगू ने शहर में दस्तक दे दी है। इसका प्रमाण घरों में मिल रहा डेंगू का लार्वा है। मलेरिया विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी अलग-अलग एरिया में डेंगू के लार्वा में मिल रहे है। पिछले माह 200 घरों में हुए लार्वा की जांच में टीम को 30 से अधिक घरों में डेंगू का लार्वा मिला। जिसके बाद अफसरों की नींद उड़ गई है। विभाग ने 20 से ज्यादा घरों को नोटिस थमाया है। जिससे आगे इस तरह की स्थिति न बनने पाए। विभाग का अगला फोकस सरकारी कार्यालयों पर है। यहां भी लार्वा की जांच कराई जाएगी। अगर कही लार्वा मिलता है तो नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा।

रखे साफ-सफाई वरना जन्म लेगा डेंगू

डेंगू के मामले की गंभीरता को देखते हुए अलावा अधिकारियों ने मलेरिया विभाग की टीम को सतर्क कर दिया गया हैं। अधिकारियों का कहना हैं कि अभी भी लोग साफ सफाई को लेकर लापरवाही बरत रहे है.पानी इकट्ठा होने के कारण एडिज मच्छरों के लार्वा पनप रहे है। अगर लोग साफ-सफाई को लेकर गंभीर नहीं हुए तो डेंगू-मलेरिया, चिकनगुनिया के केस में इजाफा हो सकता है।

50 से ज्यादा डेंगू के संदिग्ध

पिछले माह से डेंगू-मलेरिया के सीजन की शुरुआत हो चुकी है। मलेरिया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक डेंगू के अब तक 5 कंफर्म 10 से ज्यादा संदिग्ध मामले आ चुके है। जबकि मलेरिया के 60 से ज्यादा केस आए है.वहीं प्राइवेट हॉस्पिटल्स की बात करे तो वहां डेंगू के अब तक 40 से ज्यादा संदिग्ध मामले आ चुके है। बता दे कि प्राइवेट हॉस्पिटल में आने वाले डेंगू के कंफर्म केस की रिपोर्ट डिस्ट्रक्ट हेल्थ डिपार्टमेंट को देनी होती है।

रैपिड कार्ड से बढ़ता है डर

सरकारी हॉस्पिटल में जो भी डेंगू के केस आते है उनका एलाइजा टेस्ट कराया जाता है। मलेरिया विभाग उसी टेस्ट को कंफर्म मानता है। लेकिन प्राइवेट हॉस्पिटल में डेंगू का टेस्ट रैपिड कार्ड रीडर से होता है। यही वजह है कि एलाइजा टेस्ट की बजाए कार्ड टेस्ट किए जाने से मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। अधिकारियों की माने तो कार्ड टेस्ट के मामलों को स्वास्थ्य विभाग सही नहीं मानता है। कार्ड टेस्ट की रिपोर्ट सही न होने से लोगों में डेंगू का डर बढ़ जाता है।

क्या फर्क है एलाइजा व कार्ड में

-एलाइजा टेस्ट के बजाए रैपिड कार्ड रीडर टेस्ट में रिपोर्ट जल्द मिल जाती है। जबकि एलाइजा टेस्ट में अधिक समय लगता है। मलेरिया विभाग के मुताबिक कार्ड टेस्ट से 100 फीसदी सही रिपोर्ट नहीं मिल पाती है। 40 फीसदी तक मरीज की गलत रिपोर्ट मिलती है। जिसकी वजह से प्राइवेट हॉस्पिटल की रिपोर्ट को मानने के बजाए विभाग खुद मरीज के नमूनों की जांच कराता है। मरीजों की एलाइजा टेस्ट से जांच करने के बाद बीमारी की पुष्टि की जाती है।

एक नजर

60

कंफर्म मलेरिया के केस

05

डेंगू के कंफर्म केस शहर में

10

डेंगू के संदिग्ध मलेरिया विभाग

40

डेंगू के संदिग्ध प्राइवेट हॉस्पिटल

00

चिकनगुनिया

डेंगू की गंभीरता को देखते हुए विभागीय टीम घरों की जांच कर वहां एंटी लार्वा का छिड़काव कर रही है। अभी 20 को नोटिस दिया गया है। डेंगू को डिफिट करने के लिए लोग घर व ऑफिस में कही भी पानी इकट्ठा होने न दे।

सरत पांडेय, जिला मलेरिया अधिकारी