-डेंगू से बचाव व सही इलाज की शहर के चिकित्सकों की दी गई जानकारी
-सीएमई प्रोग्राम के तहत डेंगू के भय को खत्म करने के लिए शुरू हुआ जागरुकता अभियान
<-डेंगू से बचाव व सही इलाज की शहर के चिकित्सकों की दी गई जानकारी
-सीएमई प्रोग्राम के तहत डेंगू के भय को खत्म करने के लिए शुरू हुआ जागरुकता अभियान
VARANASI
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डेंगू के प्रति लोगों में बढ़ते डर को दूर करने और इसका सही इलाज करने के लिए डॉक्टर्स को ट्रेंड किया जा रहा है। विस फाउंडेशन ने पूर्वाचल के चिकित्सकों को जागरुक करने के लिए अभियान चलाने का प्लान तैयार किया है। इसकी शुरुआत बनारस में हो चुकी है। सीएमई ऑन डेंगू प्रीवेंशन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्रोग्राम के तहत शहर के सैकड़ों डॉक्टर्स व स्वास्थ्य अधिकारियों को डेंगू से बचाव व सही तरीके से इलाज करने की विस्तृत जानकारी दी जा रही है।
चिकित्सक रह गए हैरान
ट्रेनिंग के दौरान बतौर एक्सपर्ट आईएमएस बीएचयू मेडिसिन डिपार्टमेंट के डॉ। केके गुप्ता ने डॉक्टर्स को डेंगू जैसी गंभीर बीमारी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। इसे जानकर चिकित्सक भी हैरान रह गए। उन्होंने बताया कि जरूरी नहीं है कि डेंगू के हर पेशेंट को एडमिट कर हॉस्पिटल का लोड बढ़ाया जाए। डेंगू का इलाज घर पर भी हो सकता है। बशर्ते मरीज की जांच सही से की जाए। डॉ। गुप्ता ने बताया कि डेंगू प्रेगनेंट वूमेन के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। उस दौरान अगर महिला को डेंगू हो जाए तो वह हाई रिस्क प्रेगनेंसी की कैटेगरी में आ जाती है। ऐसी स्थिति में उसे फौरन एडमिट करना चाहिए। शुगर, हाईपरटेंशन व बीपी के मरीजों में डेंगू होने पर वह केस सेंसीटिव हो जाती है।
क्80 डॉक्टर्स हुए शामिल
इस प्रोग्राम में करीब क्80 चिकित्सकों को जानकारी दी गयी। इसमें प्राइवेट व सरकारी डॉक्टर, जिला मलेरिया अधिकारी, सीएमओ, गाइक्नोलॉजिस्ट के अलावा पीएचसी, सीएचसी के सभी डॉक्टर्स शामिल हुए। इस दौरान चिकित्सकों के सवालों के जवाब भी दिए गए। वहीं अभियान के पहले दिन आईएमए में प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स को प्लेटलेट्स को लेकर भी जागरुक किया गया। कहा कि जरूरी नहीं है कि हर मरीज में प्लेटलेट्स चढ़ाई ही जाए।
एक नजर
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शहरों में होगा सीएमई प्रोग्राम
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से ज्यादा चिकित्सकों को देंगे डेंगू के सही इलाज की जानकारी
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फेज में होगा कार्यक्रम
-वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, मिर्जापुर व फैजाबाद में होगा कार्यक्रम
-पहले राउंड में चिकित्सकों को दी जाएगी ट्रेनिंग
-दूसरे फेज में फार्मासिस्ट व लैब टेक्निशियन्स होंगे शामिल
एक मंच पर चिकित्सकों को लाकर उन्हें डेंगू जैसे गंभीर बीमारी को खत्म करने के लिए सीएमई प्रोग्राम की शुरुआत की गई है। अगले फेज में फार्मासिस्ट व लैब टेक्निशियन को ट्रेंनिंग दी जाएगी।
रूचि झा, प्रोग्राम मैनेजर-विस फाउंडेशन
इस प्रोग्राम के माध्यम से शहर के चिकित्सकों को कई हैरान करने वाली जानकारी मिली है। डेंगू पर कंट्रोल के लिए ऐसे कार्यक्रम की जरूरत है।
डॉ। बीबी सिंह, सीएमओ