-मंडलीय हॉस्पिटल में मरीज की मौत पर अटेंडेंट ने डॉक्टर को पीटा

-डाक्टर्स समेत पैरामेडिकल स्टाफ गए हड़ताल पर

कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल बुधवार को अखाड़ा बन गया। डाक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और मरीजों के तीमारदारों के बीच जमकर जोर आजमाइस हुई। इसकी शुरुआत तब हुई जब इमरजेंसी के पेइंग वॉर्ड में एडमिट एक मरीज की मौत हो गयी। इससे नाराज परिजनों ने वहां तैनात डॉक्टर की जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद सभी डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ लामबंद हो गए। उन्होंने भी अपनी ताकत दिखायी और मरीज के परिजनों को पीट दिया। मारपीट, हो-हल्ला से पूरे हॉस्पिटल कैम्पस में अफरा-तफरी की स्थिति हो गयी। वहां मौजूद पुलिस के जवान मूकदर्शक बने रहे। इसके बाद चिकित्सक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हड़ताल पर बैठ गए है। जिसके पूरे अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गयी।

पीटते हुए लाए डॉक्टर को

इमरजेंसी के पेइंग वॉर्ड में गंभीर रूप से बीमार ईश्वरगंगी निवासी सुदर्शन को एडमिट किया गया था। हालत बिगड़ने पर ड्यूटी पर तैनात इमरजेंसी आफिसर डॉ। जयेश मिश्रा पहुंचे लेकिन उसकी मौत हो गयी। इसके बाद डॉक्टर अन्य मरीजों को देखने के लिए मौके से चले गए। आरोप है कि जब डॉ। मिश्रा कार्डियोलॉजी विभाग में मरीजों को देख रहे थे तभी मरीज के परिजन उन्हें बाहर बुलाए और वहीं से पीटते हुए पेइंग वॉर्ड तक ले गए। यह देखकर अन्य डॉक्टर्स पहुंचे और किसी तरह उन्हें छुड़ाया। इस दौरान दोनों तरफ से हाथ-पैर चले। किसी तरह से मामला संभला।

दोषियों पर कार्रवाई की मांग

घटना से नाराज सभी डॉक्टर्स हड़ताल कर अस्पताल की इमरजेंसी में ही धरने पर बैठ गए। इमरजेंसी को छोड़कर सभी सेवाएं बाधित हो गई।

अध्यक्ष पीएमएस डॉक्टर संजय राय का कहना है कि जिस वक्त यह घटना हुई उस दौरान वहां पुलिसकर्मी मौजूद थे, फिर मरीज के भी परिजनों द्वारा डॉ। जयेश को बुरी तरह मारा गया। जब तक आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होगी हड़ताल समाप्त नहीं होगा। अस्पताल में सिर्फ गंभीर मरीजों को देखा जाएगा इसके अलावा सारी सेवाएं बाधित रहेंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल में दलाल भी सक्रिय हैं जो यहां का माहौल खराब कर रहे हैं।

किस काम की पुलिस चौकी

मंडलीय हॉस्पिटल में इससे पहले कई बार इस तरह की घटनाएं हो चुकी है। जिस पर नजर रखने के लिए यहां पुलिस चौकी बनाई गई है। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुई। चिकित्सकों का कहना है कि यह चौकी सिर्फ डेढ़ घंटे तक के लिए ही खुलती है। ओपीडी का समय 2 बजे खत्म होता है, लेकिन चौकी पर सिपाही 1:30 बजे आते है और तीन बचे ताला लगाकर चले भी जाते है। बाकी समय अस्पताल में क्या घटना होती है इससे इन्हे कोई वास्ता नहीं होता।

बढ़ता जा रहा खतरा

आए दिन डॉक्टर्स पर हो रहे हमले स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ सकती है। इस घटना में सबसे ज्यादा गुस्सा वहां खड़ी पुलिस को लेकर है।

डॉ। अरविंद सिंह, एमएस, मंडलीय हॉस्पिटल

आज बनेगी रणनीति

मारपीट की घटना के बाद अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघ के आह्वान पर सभी चिकित्सक, कर्मचारी और पैरामेडिकल स्टाफ ने दोपहर ढाई बजे चिकित्सा सेवा ठप कर दी। इस दौरान डीएम की तरफ से सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ कोतवाली मौके पर पहुंचे। जहां उनसे पांच सूत्री मांग की गई। डॉ अरविंद सिंह ने बताया कि शाम 6.30 बजे प्रशासन ने मांगपत्र की सभी मांगों को स्वीकार किया। इस आश्वासन पर संयुक्त संघ ने इमरजेंसी सेवा बहाल कर दी गई। आगे रणनीति पर फैसला आज सुबह नौ बजे संयुक्त संघ की आपात बैठक लिया जाएगा।