-आयुर्वेदिक डॉक्टरों की ली जाएगी लिखित परीक्षा

-लोक सेवा आयोग ने तैयार किया पाठ्यक्रम

DEHRADUN: प्रदेश के आयुष विभाग में नियुक्ति के लिए अब आयुर्वेदिक चिकित्सकों को लिखित परीक्षा देना पड़ेगा। उत्तराखंड में पहली बार आयुर्वेदिक डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा के आयोजन की तैयारी चल रही है। लोक सेवा आयोग ने इसके लिए बाकायदा भर्ती की लिखित परीक्षा का प्रस्तावित पाठ्यक्रम भी तैयार किया है। आयोग ने इस प्रस्तावित पाठ्यक्रम को शासन के अनुमोदन के लिए भेजा है। हालांकि, आयोग की इस पहल पर नियमावली का तकनीकी पेच भी फंसने के आसार हैं।

स्वास्थ्य सेवा है बदहाल

प्रदेश में डॉक्टरों की भारी कमी के कारण स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतरी हुई हैं। खासतौर पर दुर्गम पर्वतीय इलाकों के लोगों को इसका सबसे अधिक खामियाजा उठाना पड़ रहा है। ऐसे में पहाड़ के कई इलाकों में आयुर्वेदिक चिकित्सक मरीजों को उपचार दे रहे हैं। आयुष विभाग के उच्च पदों पर पिछले वर्ष हुई पदोन्नतियों के बाद विभाग में आयुर्वेदिक डॉक्टरों के क्भ्8 पद रिक्त हैं। इन रिक्त पदों पर नई भर्ती के लिए शासन लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेज चुका है। आयोग ने उक्त पदों पर नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा के आयोजन की तैयारी शुरू कर दी।

अनुमोदन के लिए शासन को भेजा

हालांकि, विभागीय नियमावली के तहत अब तक आयुर्वेदिक डॉक्टरों की नियुक्ति साक्षात्कार प्रक्रिया के जरिए होती रही है, मगर इस बार आयोग ने लिखित परीक्षा के लिए बाकायदा प्रस्तावित पाठ्यक्रम तैयार कर किया है। यह प्रस्तावित पाठ्यक्रम भी आयोग शासन को अनुमोदन के लिए भेज चुका है। हालांकि, इस पर फिलहाल कोई निर्णय तो नहीं हुआ, मगर यह बहस जरूर छिड़ गई है कि क्या नियमावली में दी गई व्यवस्था से इतर आयोग कोई फैसला कर सकता है। ऐसे में लिखित परीक्षा कराने की लोक सेवा आयोग की इस पहल पर नियमावली का तकनीकी पेच भी फंसने के आसार हैं।