RANCHI: रिम्स में डॉक्टर मरीजों का इलाज करने आते हैं। लेकिन इसी बीच उनकी ग्रैंड पार्टी भी हो रही है, जिसमें लजीज व्यंजन के साथ कोल्ड ड्रिंक्स, स्नैक्स और डेजर्ट भी होते हैं। इसका इंतजाम वे खुद नहीं, बल्कि रिम्स में आने वाले दवा कंपनियों के एमआर कर रहे हैं। इतना ही नहीं, फरमाइश करने पर वो हर चीज हाजिर हो जाती है जो डॉक्टरों को पसंद हो। आखिर हो भी क्यों न, डॉक्टर साहब मरीजों को उनकी कंपनियों की दवा जो लिखेंगे। तभी तो दवा कंपनियों का कारोबार बढ़ेगा। यह सब खेल रिम्स प्रबंधन की नाक के नीचे चल रहा है। इसके बावजूद प्रबंधन ने अपनी आंखे मूंद रखी है।

तय दुकानों में ही ब्रांडेड दवाएं

हास्पिटल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों पर भले डॉक्टर साहब का ध्यान न हो, लेकिन दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों पर उनका पूरा ध्यान रहता है। यही वजह है कि डॉक्टर केवल ब्रांडेड दवाएं ही मरीजों को लिख रहे हैं, और ये दवाएं भी सिर्फतय दुकानों में ही मिलती हैं। चूंकि उन्हीं दुकानों में दवा की सप्लाई की जाती है। ऐसे में आप पूरा शहर घूम जाएंगे तो भी वो दवा नहीं मिल पाएगी।

जेनरिक दवाएं नहीं लिख रहे डॉक्टर

हेल्थ डिपार्टमेंट ने सभी सरकारी हास्पिटलों के डॉक्टरों को जनरिक दवाएं या उसका कंपोजिशन वाली दवाएं प्रेस्क्राइब करने का आदेश जारी किया था। ताकि इलाज के लिए आने वाले मरीजों की जेब पर बोझ न पड़े। लेकिन डॉक्टर अब भी अपनी जेब के चक्कर मरीजों की जेब का बोझ बढ़ा रहे है।

ओपीडी से वार्ड तक एंट्री बंद नहीं

हास्पिटल में एमआर की एंट्री पर रोक लगाने का आदेश रिम्स डायरेक्टर ने दिया था। साथ ही यह भी आदेश दिया गया था कि एमआर एक बजे से तीन बजे के बीच ही डॉक्टरों को विजिट करेंगे। लेकिन न तो एमआर की एंट्री पर रोक लगी। और न ही सिक्योरिटी गा‌र्ड्स उन्हें रोकते हैं। इसी का फायदा उठाकर ये लोग बेधड़क ओपीडी और वार्डो में पहुंच जाते हैं।

राजधानी मेडिकल से दवा लाओ, तभी इलाज

केस-1

बाबू की पत्नी का रिम्स मेडिसीन में इलाज चल रहा है। उसे डॉक्टरों ने दवा लिखी और कहा गया कि राजधानी मेडिकल में ही दवा मिलेगी। उन्होंने सोचा कि दूसरी दुकान से दवा खरीदने पर कुछ पैसे बच जाएंगे। ऐसे में वह दूसरी दुकान से दवा लेकर आए। जिसके लिए पैसे भी कम चुकाने पड़े। लेकिन डॉक्टर ने उस दवा का इस्तेमाल करने से मना कर दिया। डॉक्टर ने कहा कि राजधानी मेडिकल से लिखी दवा लेकर आओ तभी मरीज का इलाज होगा।

सर्जरी की दवाएं सिर्फ साई फार्मा में

केस-2

विश्वनाथ के परिजन का इलाज रिम्स सर्जरी में चल रहा है। उन्होंने बताया कि आपरेशन किया गया है। लेकिन जो दवाएं डॉक्टर लिख रहे हैं वो सिर्फ साई फार्मा में ही मिल रही हैं। इसके अलावा किसी अन्य मेडिकल स्टोर में दवाएं अवेलेबल नहीं हैं। अब दवा लाते-लाते परेशान हो चुका हूं। स्थिति यह है कि मेरेपास के पैसे खर्च हो चुके हैं। लेकिन, डॉक्टर साहब को उनकी परेशानी से कोई मतलब नहीं। दवा खरीदने के चक्कर में वो कर्ज भी ले चुके हैं।