-मेडिकल स्टूडेंट अनुराग का 7 माह बाद भी नहीं कोई सुराग

-अब तक तीन लोग हो चुके हैं गिरफ्तार, लेकिन पुलिस खाली हाथ

BAREILLY: गंगाशील आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट अनुराग की सात माह पहले हुई किडनैपिंग एक पहेली बन गई है। कोतवाली पुलिस कई बार अनुराग की तलाश में हरदोई, बदायूं, रामपुर और शाहजहांपुर के चक्कर लगा चुकी है। इतना ही नहीं इस मामले में पुलिस तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है, लेकिन अनुराग का कोई पता नहीं लगा पायी है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर अनुराग है कहां, उसके साथ ऐसा क्या हुआ जो वह अभी तक वापस नहीं लौटा है। पुलिस के पास भी इन सवालों के जवाब नहीं हैं।

30 अप्रैल को हुआ थ्ा अपहरण

सिंधौली शाहजहांपुर निवासी हाकिम सिंह का बेटा अनुराग सिंह बीसलपुर रोड स्थित गंगाशील आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज का स्टूडेंट था। वह गंगाचरण हॉस्पिटल में बने हॉस्टल में रहता था। वह 30 अप्रैल को अपने घर के लिए निकला था लेकिन उसके बाद वापस नहीं लौटा था। 2 मई को उसके पिता के पास फोन पहुंचता है कि यदि अनुराग को जिंदा चाहिए तो 1 करोड़ की फिरौती दें। नहीं तो 5 मई तक उसकी हत्या कर दी जाएगी, जिसके बाद उसके पिता 4 मई को डीआईजी आशुतोष कुमार के पास पहुंचते हैं और कोतवाली में एफआईआर दर्ज की जाती है।

अपहरण में हर बार कुछ नया

-1 करोड़ की फिरौती पर पुलिस की कई टीमें बनाई जाती हैं। हॉस्टल की तलाशी ली जाती है। मोबाइल कॉल डिटेल निकाली जाती हैं, लेकिन पुलिस खाली हाथ ही रहती है।

-पुलिस जांच में आया कि फिरौती मांगने वाले बीएसएनएल नंबर को एयरटेल में पोर्ट कराया था और फर्जी आईडी पर सिम लिया गया था। यही नहीं दूसरी बार फिरौती की कॉल प्री एक्टिवेटेड सिम से की गई।

-पुलिस काल डिटेल में पता चला कि नंबर हरदोई के मढ़उआ निवासी शिव शंकर लाल के नाम पर जारी हुआ है और वह रिटायर्ड आर्मी पर्सन हैं

-अनुराग का पता लगाने के लिए पुलिस ने 5 साला बदमाशों का डाटा खंगाला और इसके अलावा हॉस्टल के भी स्टूडेंट का डाटा भी कलेक्ट किया गया

-किडनैपर ने अनुराग से पिता से फिरौती की रकम घटाकर 50 लाख कर दी, लेकिन उसके पिता इतनी रकम देने में सक्षम ही नहीं हैं, तीन बार फिरौती की रकम मांगी गई

-जब भी परिजनों अपहरणकर्ता से कहा कि वह एक बार बेटे से बात करा दे तो अपहरणकर्ता यही कहते रहे कि बॉस नहीं चाहता है कि बात हो

-अनुराग के पिता ने परेशान होकर किडनैपर्स से कह दिया कि अब जो भी करो, चाहें बेटे को मार दो या फिर छोड़ दो, अब हम कुछ नहीं करेंगे

-किडनैपर के फोन पर पेरेंट्स पुलिस के साथ फिरौती की रकम देने पहुंचे लेकिन न तो किडनैपर आया और न ही अनुराग और पुलिस को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।

-पुलिस ने सबसे पहले फर्जी सिम बेचने वाले को गिरफ्तार कर जेल भेजा लेकिन अनुराग से उसका भी कोई सुराग नहीं लग सका।

-पुलिस ने इस केस में हरदोई निवासी अर्जुन पाल को गिरफ्तार किया। जिसके बाद से अनुराग का एक मोबाइल मिला था। उसके पास अनुराग के दोनों मोबाइल थे, लेकिन उसने अनुराग के बारे में जानकारी से इनकार किया।

-अर्जुनपाल से पूछताछ के बाद पुलिस ने हरदोई के पंकज यादव को पकड़ा, अर्जुन ने पंकज से ही मोबाइल लेने की बात कही थी लेकिन उसने तो अनुराग तो दूर अर्जुन से ही जान पहचान से इनकार कर दिया।