- कूड़े के साथ मेडिकल वेस्ट भी निस्तारण के लिए बाकरगंज प्लांट भेजा गया

- यूज्ड निडेल, ब्लड सैंपल किट, खून से सने ऑपरेशन ग्लव्स और कपड़े फेंके गए

- नगर आयुक्त-मेयर साहब, इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन?

- नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना फ्राइडे को कर सकते हैं इसी प्लांट का उद्घाटन

बरेली। बाकरगंज कूड़ा निस्तारण प्लांट में वेडनेसडे को लाए गए सात से आठ ट्रॉली कूड़े में नगर निगम ने मेडिकल वेस्ट भी भिजवा दिया था। प्लांट के पास बिखरे पड़े इस कूड़े को कूड़ा बीनने वाले बच्चे उठा रहे थे। नगर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव ने मामले की जांच करा दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है। लेकिन, यह मेडिकल वेस्ट वहां पहुंचा कैसे, यह स्पष्ट नहीं किया।

बाकरगंज कूड़ा निस्तारण प्लांट के ट्यूजडे को अधूरे रह गए ट्रायल को वेडनेसडे को पूरा होना था। इसके लिए नगर निगम ने सुबह ही शहर से सात से आठ ट्रॉली कूड़ा भिजवा दिया था। सुबह दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम जब प्लांट पर पुहंची तो उसने वहां मेडिकल वेस्ट बिखरा पाया। इसमें इस्तेमाल की गई निडेल, ब्लड सैंपल किट, खून से सने ऑपरेशन ग्लव्स और कपड़ों के अलावा दूसरा मेडिकल वेस्ट भी था। कूड़ा बीनने वाले बच्चे इस मेडिकल वेस्ट से अपने मतलब का सामान बीनने में लगे थे। पूछे जाने पर कूड़ा निस्तारण प्लांट के कर्मियों ने इस संबंध में कोई जानकारी होने से इनकार कर दिया।

एड्स-कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल अफसर एके चौधरी का कहना है कि कूड़े में मेडिकल वेस्ट फेंका जाना बहुत ही आपत्तिजनक है। नगर निगम को इस पर गंभीरता से जांच करानी चाहिए। कूड़े के साथ यदि बायो मेडिकल वेस्ट भी पहुंच रहा है तो वहां के लोगों को इससे एड्स, कैंसर जैसी कोई भी गंभीर बीमारी हो सकती है। मेडिकल वेस्ट का प्लांट अलग होता है। उसे तो वहीं पर निस्तारित होना चाहिए।

वर्जन

जेल भिजवा दूंगा

प्लांट पर बायो मेडिकल वेस्ट के पहुंचने की बात मेरे संज्ञान में नही है। हम सख्ती से इसकी जांच कराएंगे। जांच के बाद जो भी आरोपी मिलेगा, उसके खिलाफ सख्त एक्शन होगा। जिसने भी ऐसा किया है, मैं उसे जेल भिजवा दूंगा।

राजेश श्रीवास्तव, नगर आयुक्त

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मेयर से सीधी बात

कूड़े के साथ मेडिकल वेस्ट प्लांट तक कैसे पहुंचा?।

इस बारे मे मुझे कोई जानकारी नहीं है। यदि प्लांट पर मेडिकल वेस्ट पहुंचा है तो मैं इसकी जांच कराऊंगा। आरोपी पर कार्रवाई होगी।

क्या बाकरगंज मेडीकल वेस्ट का हब बन चुका है?

यह नहीं बोल सकते। अब पूरे प्लांट पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए जा रहे हैं। जो भी ट्राली वाले कूड़ा लेकर जाएंगे। उन पर भी निगरानी रहेगी।

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इसलिए घातक है मेडिकल वेस्ट

- मानव शरीर नॉन कॉन्टामिनेटेड होता है जबकि बायो मेडिकल वेस्ट कॉन्टामिनेटेड होता है। इसमें बैक्टीरिया पैदा होते हैं, जो इंसान के शरीर में प्रवेश कर जाएं तो जानलेवा हो सकते हैं।

- इस वजह है कि बायो मेडिकल वेस्ट को 850 डिग्री सेंटीग्रेट से 1300 डिग्री सेंटीग्रेट के बीच बर्न करने का प्रावधान है।

- फ‌र्स्ट स्टेज में 850 डिग्री सेंटीग्रेट से अधिक पर बर्न करते हैं।

- सेकंड फेज में 1000 डिग्री सेंटीग्रेट से अधिक पर बर्न किया जाता है।

भूजल को बड़ा खतरा

खुले में मेडिकल कचरा फेंके जाने से बैक्टीरिया के संक्रमण का बड़ा खतरा तो रहता ही है, भूजल के भी दूषित होने की पूरी संभावना है।