- हेल्थ विभाग खींचने लगा हाथ, सीटी स्कैन सहित कई मशीनें खराब

- हॉस्पिटल की लिफ्ट भी खराब, मरीज परेशान

देहरादून, पहले से अपनी बदहाली और बदइंतजामी के लिए चर्चाओं में रहने वाले दून हॉस्पिटल की स्थिति और खराब होने के संकेत मिल रहे हैं। अभी तक यह टीचिंग हॉस्पिटल है। यहां से जिला अस्पताल के अलग होने पर और अव्यवस्थाएं खड़ी हो सकती हैं। टीचिंग हॉस्पिटल से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल को शिफ्ट किए जाने की कवायद के बीच अब अगर हॉस्पिटल में कोई मशीन खराब हो रही है, तो स्वास्थ्य विभाग उसकी मरम्मत तक नहीं करवा रहा है। इमरजेंसी के हाल भी काफी खराब हैं।

मशीन और लिफ्टें खराब

जिला हॉस्पिटल बनाने की तैयारियों में जुटे हेल्थ डिपार्टमेंट ने अब दून मेडिकल कॉलेज की तरफ ध्यान देना कम कर दिया है। नतीजा यह है कि किसी भी मशीन के एक बार खराब होने के बाद उसकी मरम्मत नहीं करवाई जा रही। कुछ दिन पहले दुरुस्त करवाई गई बैंच फिर से टूटने लगी हैं और हॉस्पिटल की सभी तीन लिफ्टें खराब हो चुकी हैं।

सीटी स्कैनर भी ठप

पिछले कुछ दिन से हॉस्पिटल में सीटी स्कैन नहीं हो पा रहे हैं। मरीजों को बाहर से महंगे दाम पर सीटी स्कैन करवाने पड़ रहे हैं। आने वाले कुछ दिनों में मशीन के ठीक होने की भी कोई संभावना नहीं है। हॉस्पिटल के अधिकारियों के अनुसार मुंबई से एक्सपर्ट आ रहे हैं, उन्हें आने और नया सामान इंस्टॉल करने में कुछ समय लग सकता है।

स्टाफ हो जाएगा कम

जिला अस्पताल बनने के बाद दून हॉस्पिटल के कई डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टॉफ कम हो सकता है। मेडिकल एजुकेशन की ओर से जिन डॉक्टर्स की नियुक्ति की गई है, वे सभी संविदा पर हैं। हॉस्पिटल में सभी परमानेन्ट डॉक्टर्स हेल्थ डिपार्टमेंट के ही हैं। लगभग पूरा पैरा मेडिकल स्टाफ हेल्थ डिपार्टमेंट का ही दून हॉस्पिटल में काम कर रहा है।

अस्पताल की इमरजेंसी बदहाल

हॉस्पिटल में सबसे बुरी स्थिति इमरजेंसी की है। फ्राइडे की रात यहां गंभीर हालत में एक साधु लाया गया, लेकिन किसी से उसकी तरफ ध्यान तक नहीं दिया। करीब एक घंटे बाद साधु ने दम तोड़ दिया। इतना ही नहीं इमरजेंसी के डॉक्टर्स पर गलत तरीके से मेडिकल बनाने के भी लगातार आरोप लग रहे हैं।

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हॉस्पिटल की स्थिति में सुधार लाने के प्रयास हो रहे हैं। सीटी स्कैन मशीन और लिफ्ट ठीक करने के लिए इंजीनियर बुलाये गये हैं। जल्दी ठीक कर दिये जाएंगे। इमरजेंसी में स्थितियां सुधारने के लिए हर संभव कदम उठाये जा रहे हैं।

-डॉ। केसी पंत, एमएस, दून हॉस्पिटल।