और पास आ जाएंगी बीमारियां

जहां इन दवाओं का सेवन बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है वही इनका उल्टा असर हो रहा है। ये दवाएं सूजन, घबराहट, जोड़ों में दर्द के साथ किडनी और हार्ट फेल जैसी बीमारियां बांट रही हैं। जिसका कारण इन दवाओं में पडऩे वाला सॉल्ट हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड है जिसे आम बोलचाल की भाषा में हाइड्रोक्लोराइड के नाम से जानते हैं। ये एक अम्ल है जो अधिकतर दवाओं में बेस कंपोनेंट के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाता है। इस कंपोनेंट पर बेस्ड बहुत सारी दवाएं हम बिना डॉक्टर से बात किए भी खा लेते हैं। कुछ लोगों को इससे हल्के रिएक्शन और कुछ लोगों पर इसका भारी रिएक्शन भी होता है। मगर ये इंसानी शरीर को बीमारियों के दलदल में फंसा रहा है।

ये होती हैं दिक्कतें

हाइड्रोक्लोराइड कंपोनेंट पर बेस्ड कई दवाईयां मार्केट में ईजी अवेलेवल हैं। जो हाईपर टेंशन, दर्द, वॉमेटिंग, पेट दर्द, शुगर, लूज मोशन, कोल्ड आदि की दवाओं में बेस के तौर पर मौजूद है। डाक्टर के प्रिस्काइब करने पर ये मेडिसन ली जाए तो इससे होने वाले नुकसान बहुत कम होते हैं लेकिन बहुत से लोग कुछ दवाओं को बिना डॉक्टर से कंसल्ट किए भी यूज करते हैं। हाल ही सामने आई एक रिसर्च के मुताबिक जिन दवाओं में हाइड्रोक्लोराइड होता है उसके सेवन से कई तरह की प्रॉब्लम्स होती हैं। जिनमें

ये हैं सिम्टम्स

-भूख न लगना

-चक्कर आना

-कब्ज और दस्त

-जी घबराना

-चीजें धीरे-धीरे धुंधली दिखाई देने लगती हैं।

ये हैं साइड इफैक्ट

-मसल्स पेन

-यूरीन का कलर डार्क हो जाता है

- यूरीन जाने का टाइम घट जाता है।

-हार्ट बीट्स बढ़ जाती हैं

-प्यास ज्यादा लगना और उल्टी ज्यादा होना

-जोड़ों में दर्द और सूजन, शरीर में ऐंठन

-चक्कर आना

-स्किन हटने लगती है

-सांस फूलना

-कमजोरी

-स्किन और आंखें पीली हो जाती है

-शरीर में झंझनाहट

-ठंड लगना, गले में दर्द और बुखार आना

-एलर्जिक रिएक्शन में स्किन में रैशेज, चेहरे और होठों पर सूजन, सीने में जकडऩ, खुजली और सांस लेने में तकलीफ होती है।

ये हैं कुछ दवाएं

-अली-ए एम

-ग्लाईफोर

-टेट्रासिन

-स्पासमेक

-मेफनॉल स्पास

-सिप्रोडॉक

-डेबिस्टाल-जीएम

-ग्लायकोनिल-एम

-बायोट्राम

-इंटाजिन-ए एम

-मैट्रोक्लोफोमाइड

-क्रोमैट्राजिन

-टिग्लामेटिंग

-टेट्रासाइक्लीन

-सिप्लोफ्लोक्सिन

-सिट्राजिन

-ऑन्डेंसानट्रॉन

-डाइसाक्लोमिन

-मैफॉरमिंग

'हाइड्रोक्लोराइड बेसिक कंपोनेंट की तरह से दवाओं में इस्तेमाल होता है और ये बहुत कॉमन है। इससे होने वाले रिएक्शन के बारे में मैंने नहीं सुना.'

-डॉ। तुंगवीर सिंह आर्य, मेडिसन विभाग, मेडिकल कॉलेज