-केजीएमयू, इलाहाबाद और कन्नौज मेडिकल कॉलेज के मेडिकोज प्रभावित

-448 मेडिकोज को 28 अप्रैल को दोबारा देना होगा एग्जाम

-मेडिकोज को ज्यादा नंबर मिलने के कारण होगा दोबारा एग्जाम

LUCKNOW: केजीएमयू की ओर से 26 फरवरी को कराए गए कम्युनिटी मेडिसिन के रेगुलर एग्जाम में 90 परसेंट मेडिकोज ने 90 परसेंटाइल से अधिक मा‌र्क्स हासिल किए हैं। इनमें से बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स को 100 परसेंटाइल मा‌र्क्स भी मिले हैं। यह फाइनल प्रोफेशनल पार्ट 1 का सेकेंड पेपर है। लेकिन अब तक इसका रिजल्ट जारी नहीं किया गया। मेडिकोज को जानकारी मिली कि सबको बंपर नंबर मिले हैं तो सबके चेहरों पर मुस्कान थी लेकिन अब केजीएमयू प्रशासन इसी पेपर का दोबारा एग्जाम लेने जा रहा है जिसके कारण मेडिकोज आक्रोशित हैं।

तीन मेडिकल कॉलेजों के स्टूडेंट प्रभावित

केजीएमयू ने फरवरी में तीन मेडिकल कॉलेजों केजीएमयू, इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज और कन्नौज मेडिकल कॉलेज में फाइनल प्रोफेशनल के मेडिकोज का सेकेंड पेपर कराया गया था। यह कम्युनिटी मेडिसिन का पेपर था। बहुविकल्पीय प्रश्नों वाले पेपर में 200 प्रश्न थे। जिनके कुल 60 मा‌र्क्स निर्धारित थे। लेकिन केजीएमयू प्रशासन ने जब रिजल्ट तैयार किया तो उनके होश उड़ गए। अब तक केजीएमयू के इतिहास में मेडिकोज का सबसे अच्छा परफार्मेस था। 90 परसेंट से अधिक मेडिकोज ने 90 परसेंटाइल से अधिक मा‌र्क्स हासिल किए हैं। यही नहीं लगभग 30 परसेंट ने 100 परसेंटाइल हासिल किए। आसान पेपर से स्टूडेंट बहुत खुश थे कि उनकी मा‌र्क्सशीट में स्कोर अच्छा हो जाएगा। लेकिन प्रशासन ने रिजल्ट ही एनाउंस नहीं किए। 21 अप्रैल को केजीएमयू प्रशासन ने तीनों मेडिकल कॉलेजो में दोबारा एग्जाम कराने के आदेश दे दिए। जिसके बाद से मेडिकोज में हड़कंप मचा हुआ है। मेडिकोज का कहना है कि खराब नंबर आने पर फेल कर दिया जाता है और अब अच्छे नंबर हासिल किए तो दोबारा पेपर कराया जा रहा। इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज में स्टूडेंट सोमवार को प्रदर्शन की तैयारी में दिखे।

पेपर साइंटिफिकली सही नहीं

केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि पेपर साइंटिफिकली सही नहीं था। रिजल्ट आने के बाद जब पेपर का डिफीकल्टी इंडेक्स, डिफरेंसिएशन इंडेक्स और केआर रेशियो सहित अन्य एवैल्युएशन कराया गया तो पेपर मानकों को पूरा नहीं कर रहा था। पेपर बहुत आसान था। इसलिए इसे दोबारा कराने का निर्णय लिया गया। अब दोबारा एग्जाम कराने में समय और पैसा दोनों ही बर्बाद होंगे। केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि इन मानकों को एग्जाम के बाद ही एवैलुवेट किया जाता है। जबकि मेडिकोज का आरोप है कि अगर पहले ही पेपर को चेक कर लिया गया होता तो ये ये दिक्कत न होती।

नहीं लगेगी दोबारा फीस

एग्जाममिनेशन कंट्रोलर प्रो। एके सिंह ने बताया कि री एग्जाम के लिए अलग से फीस नहीं ली जाएगी। एक बार फीस दे चुके हैं। सिर्फ री एग्जाम कराया जा रहा है। जबकि कुछ मेडिकोज ने दोबारा फीस जमा कराने की बात कही थी।

पेपर रिलाएबिलिटी इंडेक्स पर खरा नहीं उतरा। जिसके बाद दोबारा एग्जाम कराने का निर्णय लिया गया है। जिसके लिए अलग से कोई फीस नहीं ली जाएगी।

प्रो। रविकांत, वीसी, केजीएमयू