-मसूरी, नैनीताल, चारधाम के अलावा अन्य पर्यटक स्थल भी होंगे विकसित

-इको टूरिज्म से रेवेन्यु और रोजगार पैदा करने को बनाई योजना

-हिमालय के अनदेखे हिस्से में भी टूरिज्म स्थल

>DEHRADUN: राज्य सरकार उत्तराखंड में नैनीताल, मसूरी और चारधाम के अलावा अन्य टूरिज्म स्थलों को विकसित करने की योजना बना रही है। इसके तहत देवदार के जंगलों में 'ध्यान वृक्ष' कॉन्सेप्ट पर टूरिज्म स्थल बनाए जाएंगे। यहां पर पर्यटक ध्यान लगाने के लिए आएंगे। इसके अलावा हिमालय के ऐसे स्थलों को, जो पूरी तरह अनदेखें है, उन्हें भी पर्यटकों के लिए तैयार किया जाएगा। सीएम हरीश रावत ने टूरिज्म विभाग को इको टूरिज्म से रेवेन्यु और रोजगार दोनों बढ़ाने के निर्देश दिए।

ऐंपण की लगेंगी पेंटिंग्स

शुक्रवार को बीजापुर हाउस में पर्यटन विभाग की समीक्षा करते हुए सीएम हरीश रावत ने राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में पारंपरिक कला ऐंपण की पेटिंग्स लगाने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि पर्यटन पर किए गए निवेश से प्रतिफल और रोजगार पैदा होने चाहिए। टिहरी महोत्सव व जागेश्वर महोत्सव पर फॉलोअप तैयार करने के निर्देश दिए।

हेलीपैड्स के नजदीक मिलेगी पर्यटन सुविधाएं

प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर बनाए जा रहे हेलीपैड्स व हवाई पट्टियों के आसपास विभिन्न पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके अलावा पर्यटन के बड़े केंद्रों को उत्तराखंड के उत्पादों के बिक्री केंद्रों के रूप में भी विकसित किया जाएगा। इसके लिए सीएम ने पर्यटन विभाग को तैयारियां करने के निर्देश दिए।

मिलेगा रेवेन्यु आैर रोजगार

सीएम हरीश रावत ने कहा कि जागेश्वर, औली, केदारनाथ आदि स्थानों पर पर्यटन विकास के लिए भारी मात्रा में निवेश किया गया है। इस निवेश से आय प्राप्ति व स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करने की पुख्ता योजना तैयार होगी। चारधाम यात्रा अब सामान्य स्थिति में आ चुकी है।

नए पर्यटन स्थलों का भी हो विकास

पर्यटन विभाग अब चारधाम, मसूरी व नैनीताल से अलग हटकर पर्यटन के नए स्थलों व दूसरे आयामों पर भी फोकस करेगा। राफ्टिंग, बुग्याल, शीतकालीन पर्यटन के लिए विशेषज्ञ लोगों को साथ में जोड़ा जाएगा। सीएम ने कहा कि टिहरी में लगभग क्00 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। इससे राज्य को रिटर्न भी मिलना चाहिए, इसके लिए वहां दो पार्ट में योजना बनाई जाए। एक योजना टिहरी के लिए जबकि दूसरी योजना चिंयालीसौड़ के लिए हो। चिंयालीसौड़ की योजना को चारधाम से लिंक किया जाए, ताकि यहां पर पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।

ध्यान वृक्ष कांसेप्ट पर बनेंगे पर्यटन स्थल

सीएम रावत ने जागेश्वर में साफ-सफाई की व्यवस्था कराकर देवदार के जंगलों में वन विभाग के सहयोग से इको-टूरिज्म के तहत 'ध्यान वृक्ष' के कॉन्सेप्ट पर काम करने, वहां छोटे-छोटे चेकडैम की श्रृंखला विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अनदेखे हिमालय पर कॉफीटेबिल बुक तैयार करने व विभिन्न मेलों व आयोजनों का एक्टीवीटी केलेंडर बनाने के भी निर्देश दिए। जागेश्वर में पारंपरिक शैली में बने भवनों के संरक्षण के लिए इंसेंटिव की योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा नंदादेवी, कटारमल, कौसानी, बैजनाथ, ग्वालदम, पर भी पर्यटक स्थल तैयार किए जाएंगे। बागेश्वर में कृत्रिम झील बनाने पर भी काम किया जाएगा।

बदले जाएंगे मागर्ो के नाम

काठगोदाम से खैरना मार्ग का नाम नीम करौली बाबा के नाम पर, जबकि खैरना से अल्मोड़ा तक के मार्ग का नाम स्वामी विवेकानंद के नाम पर रखने के निर्देश दिए। बैठक में पर्यटन मंत्री दिनेश धनै, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव आनंदवर्धन, सचिव शैलेश बगोली, डीएस गब्र्याल आदि मौजूद रहे।