मासूम लड़की ने गैंग के साथ किया व्यापारी का अपहरण

मासूम सी दिखने वाली वो लड़की अपने गैंग के साथ व्यापारी के अपहरण कर फिरौती वसूलने की ऐसी स्क्रिप्ट तैयार कर चुकी थी जिसका तोड़ किसी के पास नहीं था। इस युवती ने हाल ही में मेरठ में अस्पताल चलाने वाले एक व्यवसायी मनोज गुप्ता को मिस कॉल कर ऐसा फंसाया कि सोने व हीरे के जौहरी मनोज एक लड़की का मंसूबा नहीं भांप सके। ममता मसीन नाम की इस युवती की खूबसूरती मनोज को देहरादून में अपने फार्म हाऊस पर खींच लाई। यहां ममता ने अपनी गैंग के साथियों के साथ मिलकर मनोज का अपहरण कर लिया। ममता ने फिरौती के रूप में 20 लाख रुपये और तीन किलो सोना वसूला। इतना ही नहीं बड़े-बड़े दावे कर रही पुलिस की घेराबंदी को तोड़कर वह फरार भी हो गई।

पुलिस के जांच में आए ये तथ्य

एसएसपी देहरादून डॉ. सदानंद दाते के मुताबिक पूरी जांच में सामने आया है कि प्रापर्टी व्यवसायी महिला मित्र के साथ देहरादून आया और उसके साथ कुछ लोग भी पहुंचे थे। उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया। उनमें से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अपहरणकर्ताओं को सिम कार्ड दिए थे।ममता व मनोज इनोवा कार से देहरादून के डूंगा में मौजूद मनोज के फार्म हाऊस पर 18 तारीख की रात को पहुंचे । ममता और मनोज का पीछा करते-करते ममता के गैंग के साथी भी फार्म हाऊस तक आ गए। यहां पर रात को ममता ने मनोज को बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर उसका अपहरण कर लिया। जाते-जाते ये लोग मनोज की इनोवा कार भी ले गए। मनोज के अपहरण का पता तब लगा जब फार्म हाऊस का चौकीदार सुबह वहां पहुंचा।

चौकीदार के फार्महाउस पहुंचने पर हुआ अपहरण का खुलासा

चौकीदार के फार्म हाऊस में पहुंचने पर वहां कोई नहीं था। कुछ था तो जगह-जगह पड़े खून के निशान। खून के निशान देखने के बाद चौकीदार ने पहले मनोज के परिजनों और फिर पुलिस को सारे मामले की जानकारी दी। एसएसपी देहरादून डॉ. दाते का मानना है कि अपहरणकर्ताओं के छूटने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। अपहरण के दौरान इस्तेमाल किए गए फोन और सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ममता का अभी तक कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा है। अपहरण में शामिल दूसरे लोगों की भी पुलिस के पास कोई खोज खबर नहीं है।

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