- मोहम्मद असब के रिश्तेदार का व‌र्ल्ड चैंपियनशिप में सेलेक्शन

- कॉलेज वाले नहीं दे रहे एनओसी, प्रिंसीपल ने किया इनकार

Meerut: हाल में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में मेरठ के असब ने ब्रांज मेडल जीतकर तिरंगे का मान बढ़ाया। यही नहीं देश के कई खिलाडि़यों ने ओलंपिक में गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल जीते और देश का नाम रोशन किया। लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है। सिस्टम इन खिलाडि़यों को जरा भी सपोर्ट नहीं करता है। इसका एक ताजा उदाहरण सिटी में देखने को मिला। आगामी बीस सितंबर से स्पेन में होने वाले व‌र्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेने से सिटी का एक होनहार शूटर इसलिए महरूम हो सकता है, क्योंकि कॉलेज प्रिंसीपल उसे एनओसी देने से इनकार कर रहे हैं।

यह है सीन

फलावदा थाना एरिया के गांव अमरोली में रहने वाला आमिर रिजवी पुत्र मुख्तार अहमद मेरठ कॉलेज में बीए सेकंड ईयर का स्टूडेंट है। हाल में उसने बीए सेकंड ईयर के पेपर दिए हैं। आमिर रिजवी हाल में कॉमनवेल्थ गेम में ब्रांज मेडल जीतकर आए मोहम्मद असब का रिश्तेदार है और डबल ट्रैप शूटिंग का खिलाड़ी है। कैलाश प्रकाश स्टेडियम में प्रैक्टिस करता है। उसे स्पेन में होने वाले व‌र्ल्ड चैंपियनशिप में भागीदारी का मौका मिला है।

नहीं दे रहे एनओसी

यह गेम आगामी ख्0 सितंबर से लेकर ख्8 सितंबर तक स्पेन में आयोजित होंगे। इस गेम में भागीदारी करके जीतने वाले को ओलंपिक गेम में खेलने का मौका मिलेगा। साथ ही यह व‌र्ल्ड चैंपियनशिप एक खिलाड़ी के लिए काफी मायने रखती है। मोहम्मद असब का कहना है कि वीजा के लिए कुछ रिक्वायरमेंट है, जिसमें एक रिक्वायरमेंट कॉलेज से एनओसी भी है। इसलिए मेरठ कॉलेज के प्रिंसीपल से इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने एनओसी देने से इनकार कर दिया।

यह हुई बातचीत

असब का कहना है कि आमिर के लिए जब प्रिंसीपल एनपी सिंह से एनओसी के लिए कहा तो पहले उन्होंने उसको कॉलेज में होने पर ही सवाल उठा दिया, जबकि उसका सेकंड ईयर का एडमिट कार्ड भी उनको दिया गया। जिसके बाद उन्होंने जानकारी की और फिर एनओसी देने से मना कर दिया। इस पर असब का कहना है कि आमिर कॉलेज के साथ देश का मान बढ़ाने जा रहा है। इसके बावजूद कॉलेज प्रिंसीपल उसके लिए एनओसी नहीं दे रहे। इसमें इनको कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। वह इनके ही कॉलेज का स्टूडेंट्स है।

इतना लिखना है

एनओसी के लिए केवल प्रिंसीपल को यह लिखकर देना है कि वे आमिर को जानते हैं, वह उनके कॉलेज का स्टूडेंट्स है और उनको आमिर के खेलने जाने से कोई आपत्ति नहीं है, साथ ही उसके भविष्य के लिए कामना की जाती है कि वह सफल हो। यह लिखने में ही प्रिंसीपल के हाथ कांप रहे हैं। वहीं जब इस बारे में मेरठ डिस्ट्रिक्ट राइफल एसोसिएशन के प्रभारी वेदपाल सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उसको कॉलेज से एनओसी मिलने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

कॉलेज का नाम होगा ऊंचा

एनओसी की जरूरत तब पड़ती है जब खिलाड़ी दूसरे प्रदेश के लिए खेलता है, वीजा के लिए रिक्वायरमेंट हो सकती है। जिसके लिए कॉलेज को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। जबकि वह देश के लिए ही खेलने जा रहा है। ऐसे में कॉलेज के साथ देश का नाम भी ऊंचा हो रहा है। असब भी इनके यही शूटिंग प्रैक्टिस करता था, जिसने ब्रांज मेडल जीता और मेरठ का नाम रोशन किया। असब के अनुसार यह आमिर रिजवी के कॅरियर का सवाल है, जिसमें प्रिंसीपल को सहायता करनी चाहिए, क्योंकि वह कॉलेज का नाम भी आगे बढ़ाने जा रहा है।

आमिर का अभी रिजल्ट भी नहीं आया है। उसके लिए हम केवल यह लिखकर दे सकते हैं कि वह वर्ष ख्0क्फ्-क्ब् में मेरठ कॉलेज का स्टूडेंट्स रहा है। जब तक रिजल्ट नहीं आएगा और एडमिशन नहीं लेगा तब तक हम उसे ख्0क्ब्-क्भ् का स्टूडेंट नहीं कह सकते। वीजा का मामला काफी टेढ़ा होता है। इसमें काफी संभलकर चलना पड़ता है।

- डा। एनपी सिंह

प्रिंसीपल, मेरठ कॉलेज