बागपत-शामली के रास्ते हरियाणा और पंजाब बार्डर में एंट्री करते हैं तस्कर

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MEERUT :
मेरठ पुलिस ने गुरुवार को तस्करी कर लाए गए 200 किलोग्राम गांजे को पकड़ा था. दरअसल, यह गांजा मेरठ के लिए नहीं था, बल्कि मेरठ के रास्ते हरियाणा-पंजाब जा रहा था. पूर्वोत्तर राज्यों से नशीले पदार्थो की तस्करी करने वालों के लिए मेरठ के रास्ते हरियाणा-पंजाब पहुंचना बेहद सुरक्षित रहता है. पुलिस की तफ्तीश में निकलकर आया कि पूर्व सैनिक नशीले पदार्थ को ट्रेन से मेरठ तक लेकर आया था और यहां से यह गांजा डिलीवरी के बाद हरियाणा के रास्ते पंजाब भेजा जाना था.

उड़ीसा में होती है खेती

उड़ीसा में मलकानगिरी, चांदमेटा और शबरी नदी के किनारे बड़े पैमाने पर गांजे की खेती होती है. नक्सलियों के संरक्षण में हो रहे गांजे के उत्पादन पर देशभर के तस्करों की नजर रहती है. पकड़े गए तस्कर और पूर्व सैनिक बाबूजी शाहू ने पुलिस को बताया कि उड़ीसा का गांजा पूरे देश के युवाओं की नशे की लत को बढ़ा रहा है.

 

सरगना है पूर्व सैनिक

मेरठ पुलिस के हत्थे चढ़ा पूर्व सैनिक बाबूजी शाहू गांजे के उत्पादन के लिए कुख्यात गंजाम जिले का रहने वाला है. नक्सल प्रभावित इस जनपद में राशिकुल्या नदी के किनारे जंगलों में बड़ी मात्रा में गांजे का उत्पादन हो रहा है. पूर्व सैनिक ने पुलिस को बताया कि वो गंजाम एवं आसपास के क्षेत्रों से नशीले पदार्थ की तस्करी के गैंग का सरगना है. वो 16 साल आर्मी में रहा है इसलिए उसे न सिर्फ देश के कोने-कोने की भौगोलिक स्थिति की जानकारी है बल्कि वो आर्मी की ड्रेस, बक्से, बैग्स आदि को प्रयोग में लाकर पुलिस और जांच एजेंसियों की आंखों में भी धूल झोंक रहा था. पूर्व सैनिक के अलावा बड़ी संख्या में डिलीवरी मैन मजदूर-कामगार बनकर ट्रेन एवं अन्य साधनों से गांजे की तस्करी कर रहे हैं.


मेरठ के रास्ते मुफीद

पूर्व सैनिक ने पुलिस को बताया कि हरियाणा-पंजाब तक गांजे की खेप पहुंचाना पुलिस एवं केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की मुस्तैदी के चलते मुश्किल हो रहा था. कई तरह की जांच प्रक्रियाओं से भी गुजरना होता था. दरअसल, गांजे समेत नशीले पदार्थो की सर्वाधिक खपत पंजाब, हरियाणा, दिल्ली समेत उत्तरी राज्यों में है इसलिए तस्करी के लिए मेरठ एक मुफीद रास्ता साबित होता है. शामली और बागपत जनपद की सीमाओं को क्रॉस कर तस्कर आसानी से नशीले पदार्थ के साथ हरियाणा और फिर पंजाब में प्रवेश कर रहे हैं. पूर्व सैनिक ने पुलिस को बताया कि मेरठ को वो डिपो के तौर पर यूज कर रहे हैं. यहां हाइवे के आसपास बने ठिकानों पर गांजे को रखा जाता है और यहां से डिलीवरी मैन विभिन्न साधनों द्वारा इसे यूपी बार्डर क्रॉस कराकर हरियाणा और पंजाब तक ले जाते हैं.

 

छोटे-छोटे रेलवे स्टेशन का इस्तेमाल

गांजा तस्करी कर रहे पूर्व सैनिक को पुलिस ने दौराला रेलवे स्टेशन के बाहर पकड़ा. आरोपी ने पुलिस को बताया कि नशीले पदार्थ की तस्करी के लिए रेलवे लाइन पर छोटे-छोटे स्टेशन को प्रयोग में लाया जाता है. कारण, इन छोटे स्टेशनों पर चेकिंग नहीं होती है और न ही पुलिसबल तैनात रहता है. पूर्व सैनिक के साथ पकड़ा गया उसका साथी योगेश कुमार मुरादाबाद का रहने वाला है और लंबे समय से पंजाब में रह रहा है. वेस्ट यूपी समेत, हरियाणा और पंजाब की भौगोलिक स्थिति से वाकिफ योगेश बतौर डिलीवरी मैन साथ चल रहा था.

 

सेना भी कर ही है जांच

आरोपी गांजा तस्कर से पुलिस ने एक आर्मी का बक्सा भी बरामद किया है. बक्से में रखकर वो नशीला पदार्थ ले जा रहा था. ये बक्सा एक नायब सूबेदार के नाम इश्यू था और बक्से पर उसका नाम भी लिखा था. पुलिस की सूचना के बाद सेना ने भी प्रकरण का संज्ञान लिया है. जानकारी के मुताबिक सेना यह जांच कर रही है कि आखिर बाबूजी शाहू के पास यह बक्सा और आर्मी के बैग्स व ड्रेस कहां से आए?

 

पकड़े एक आरोपी से पूछताछ के बाद कई अहम खुलासे हुए हैं. गांजे की खेप वेस्ट यूपी के साथ-साथ तस्करी के लिए हरियाणा-पंजाब ले जाई जानी थी. डिलीवरी मैन की धरपकड़ के लिए दबिश दी जा रही है. नशीले पदार्थो की तस्करी के इस रैकेट का पर्दाफाश होगा और सभी को जेल भेजा जाएगा.

नितिन तिवारी, एसएसपी, मेरठ