-परिवार संग आए लोगों ने लिया महोत्सव का आनंद

-राजस्थानी नृत्य, हैंडीक्राफ्ट के लिए उमड़ी भीड़

-गुनगुनी धूप में ऊंट की सवारी और झूले बने पसंद

Meerut : दैनिक जागरण का मेरठ-महोत्सव दूसरे दिन पूरे शबाब पर आ गया। रविवार होने के चलते बड़ी संख्या में लोग परिवार संग जुटे। मेले में मद्धिम ध्वनि में बजते गीतों ने मधुरता का रस घोला तो वहीं राजस्थान के कलाकारों ने लोकगीत पर प्रस्तुति से समां बांध दिया। मेले में बड़ी संख्या में उमड़े लोगों ने जमकर खरीदारी की।

रविवार को परिवार संग बड़ी संख्या में लोग जीआइसी ग्राउंड में चल रहे मेरठ-महोत्सव में पहुंचे। स्कूली बच्चे भी छुट्टी होने के कारण ग्रुप में आए और महोत्सव का आनंद उठाया। अपना आशियाना तलाशने वालों के साथ ही इंवेस्ट करने के लिए लोगों ने रियल एस्टेट डेवलपर्स के स्टॉल्स पर जानकारी ली। इनके अलावा हैंडीक्राफ्ट,लकड़ी के सामान, इलेक्ट्रिक आयटम व तमाम जरूरतों का सामान लेने के लिए लोग जुटे।

राजस्थानी नृत्य ने बांधा समां

मेरठ-महोत्सव में राजस्थानी संस्कृति से लोग रूबरू हुए। ढोल की थाप व मधुर लोकगीत पर कलाकारों ने दिलकश प्रस्तुति दी। सिर पर मटके रखकर जब महिला कलाकारों ने प्रस्तुति दी तो हर कोई वाह-वाह कर उठा और वे इस पल से बिछड़ने को तैयार नहीं थे। ऐसे में मोबाइल से वीडियो बनाने के लिए इन खुशनुमा पलों को कैद करने लगे।

सॉफ्टी पर आया दिल

सूरज निकलने के साथ ही लोगों ने ठंड से राहत ली और महोत्सव का आनंद उठाया। बच्चों ने झूले व ऊंट की सवारी की तो युवतियों ने भेलपूरी और आईस्क्रीम खाकर महोत्सव का लुत्फ उठाया। महोत्सव में नन्हें-मुन्ने बच्चों के मन को ऊंट की सवारी खूब भाई। महिलाओं और युवतियों ने साफ्टी और आइस्क्रीम का स्वाद लिया।

लकड़ी के चिमटे और

केले की नमकीन

मेरठ महोत्सव में घरेलू जरूरतों और दिनचर्या में सहूलियत के लिए अनेक स्टॉल्स लगे हैं। रियल एस्टेट स्टॉल्स के पीछे मूंगदाल, चने की दाल, बाजरा, आलू, चिवड़ा के साथ ही केले और सेब की नमकीन तथा मुख्य द्वार पर लकड़ी के सामान ने ध्यान खींचा। लकड़ी के चिमटे, विभिन्न तरह के शो आइटम के साथ ही किचन एप्लायंस को लोगों ने खरीदा।

डोसे के साथ दाल बाटी

मेरठ-महोत्सव में खान-पान के लिए लगे स्टॉल्स पर विभिन्न व्यंजनों का आनंद लोगों ने लिया। द येलो चिली के साथ ही विभिन्न डोसा, पावभाजी, ब्रेड पकौड़ा आदि के साथ ही अपणो राजस्थान स्टॉल्स पर चूरमा लड्डू, मावा कचौरी, दाल बाटी, पापड़ी-चाट आदि ने जायका बढ़ाया।