-किसी भी प्रस्ताव पर नहीं हुई कोई चर्चा, जमकर हुआ हंगामा

-पार्षदो ने महापौर पर विकास की अनदेखी का आरोप लगाया

Meerut : नगर निगम बोर्ड बैठक में हंगामे की बीच 357 करोड़ 27 लाख और 86 हजार रुपये का बजट पास हो गया। किसी भी प्रस्ताव में कोई चर्चा नहीं हुई। पार्षदो ने महापौर पर विकास की अनदेखी का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा। इस बीच चीफ इंजीनियर और पार्षदो के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। सोमवार को बोर्ड की बैठक घंटाघर टाउन हॉल में शुरू हुई। ठीक साढ़े ग्यारह बजे मेयर, नगर आयुक्त, सभी पार्षद आ गए थे।

ये होंगे प्रमुख कार्य

-नलकूप, पाइप लाइन आदि की मरम्मत के लिए साढ़े चार करोड़, रिबोर के लिए तीन करोड़ रुपये,

-नाला सफाई के लिए एक करोड़, सीवर लाइन की मरम्मत के करोड़ 60 लाख रुपये

-नई स्ट्रीट लाइट के लिए ढ़ाई करोड़ रुपये, पुरानी स्ट्रीट लाइट की मरम्मत के लिए साढ़े तीन करोड़ रुपये

-सड़क निर्माण के लिए 22 करोड़ रुपये, रोड कटिंग के लिए डेढ़ करोड़ रुपये सहित 357 करोड़ रुपये

48 हजार घरों पर टैक्स लगाने की मंजूरी दे दी गई।

बैठक से चले गए चीफ इंजीनियर

पार्षद 2014-15 में हर वार्ड में 60 लाख रुपये के काम कराने की बात को लेकर हंगामा कर रहे थे। इस बीच चीफ इंजीनियर कुलभूषण कामों का ब्यौरा देने लगे, लेकिन पार्षद हंगामा करते रहे। इससे नाराज चीफ इंजीनियर बीच में उठकर चले गए। हालांकि थोड़ी देर बाद उनको वापस बुला लिया गया।

महापौर मुर्दाबाद के नारे लगे

वार्ड तीस के पार्षद प्रमोद खड़ौली, दिनेश कुमार, पुष्पा सिंह, देवेंद्र कुमार, गजेंद्र सिंह आदि पार्षद विकास की अनदेखी का आरोप लगाते हुए बीच में सदन से बाहर चले गए थे। थोड़ी देर वो सभी पार्षद महापौर मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए अंदर आ गए। इसी बीच बीजेपी पार्षदों ने उनको शांत करा दोबारा से सदन में बैठाया।

पार्षदो में नोकझोंक

महापौर मुर्दाबाद नारे लगाते समय पार्षदो के बीच तीखी नोकझोक हुई। पार्षदो का कहना था कि जो बात सदन में बैठकर बात करे। जो कहना है वह यहां पर कहे। बाहर नारेबाजी न करे। बावजूद इसके पार्षद महापौर के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।

सभी की सहमति से बोर्ड बैठक में 357 करोड़ रुपये का बजट पास हो गया है। अब उस पर अमल किया जाएगा। शहर में अधिक से अधिक विकास कार्य हो सके।

-हरिकांत अहलूवालिया, महापौर

प्रस्तावों पर चर्चा होनी चाहिए थी। लेकिन पार्षद सुनने के लिए तैयार नहीं थे। बजट तो पास हो गया है। उस पर अमल करने के लिए अधिकारियों से बातचीत कर कार्य शुरू किए जाएंगे।

-उमेश प्रताप सिंह, नगर आयुक्त