- कैबिनेट की बैठक में अहम डिसीजन, उप्र अधिष्ठान जमाकर्ता हित संरक्षण विधेयक मंजूर

LUCKNOW: जमाकर्ताओं को अधिक ब्याज और रिटर्न लालच देकर उन्हें ठगने वालों की अब खैर नहीं। असल सीएम अखिलेश यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट ने मंडे को उ.प्र। अधिष्ठान जमाकर्ता हित संरक्षण विधेयक, ख्0क्भ् के प्रारूप पर मुहर लगा दी। विधेयक के तहत ऐसे मामलों में जमा राशि इकट्ठा कर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले वित्तीय अधिष्ठानों के कर्ता-धर्ता व कर्मचारियों का जुर्म साबित होने पर उन्हें दस साल जेल या दस लाख तक जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है।

क्9 स्टेट्स में लागू है कानून

किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा लोगों को अधिक ब्याज या रिटर्न का लालच देकर उनकी जमा धनराशि इकट्ठा कर गायब हो जाने के मामलों में आरोपित लोगों व संस्थाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी चल रही है। इन मामलों में कानूनी कार्यवाही के लिए प्रदेश में अलग से कोई कानून नहीं है। जबकि देश के क्9 स्टेट्स व तीन केन्द्र शासित राज्यों में प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट डिपॉजिटर्स इन फाइनेंशियल एस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट लागू है। जमाकर्ताओं के हित सुरक्षित करने के लिए प्रस्तावित विधेयक में वित्तीय अधिष्ठान को परिभाषित किया गया है। विधेयक के तहत वित्तीय अधिष्ठान की संपत्ति के नियंत्रण के लिए सक्षम अधिकारी नियुक्त करने का प्रावधान है। वित्तीय अधिष्ठानों द्वारा जमा धनराशि की वापसी में अनियमितता होने पर अधिष्ठान और उससे जुड़े लोगों की संपत्ति भी कुर्क हो सकेगी। धोखाधड़ी और कपटपूर्ण अनियमितताओं के ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की अनुमति से विशेष न्यायालयों के गठन का भी प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार जिला एवं सत्र न्यायालयों में ऐसे मुकदमों की पैरवी के लिए विशेष अभियोजन अधिकारी भी नियुक्त कर सकती है। विधेयक के तहत प्रस्तावित न्यायालय के आदेश के खिलाफ न्यायालय में अपील की जा सकेगी।

गेहूं खरीद नीति को हरी झंडी

प्रदेश सरकार सीधे किसानों से फ्0 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदेगी। इसके लिए समर्थन मूल्य क्ब्भ्0 रुपये रखा गया है। हर 8 किमी। की दूरी पर एक खरीद केन्द्र की स्थापना की जाएगी। कैबिनेट बैठक में गेहूं खरीद नीति को हरी झंडी दे गई। किसानों को राहत देने के लिए यह ख् अप्रैल से ही शुरू कर दिया जाएगा जिसके लिए भ्000 क्रय केन्द्र स्थापित किए जाएंगे

सोलर पार्क को एमओयू के प्रारूप को मंजूरी

प्रदेश में सोलर पार्क की स्थापना के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैन्डिंग (एमओयू) के फॉर्मेट को मंजूरी दे दी गई। इसके तहत केन्द्रीय नवीन औन नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और प्रदेश के अतिरिक्त ऊर्जा स्त्रोत विभाग के बीच एक एमओयू और सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया और यूपीनेडा के बीच एक अन्य एमओयू लागू किया जाएगा। बता दें कि प्रदेश की सौर ऊर्जा नीति-ख्0क्फ् में सोलर पार्क की स्थापना का प्रावधान है। भ्00 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क स्थापित करने के लिए क्000 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी। यूपीनेडा के पास जालौन में भ्70.क्8 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है। इसके अलावा उरई, मिर्जापुर, सोनभद्र और इलाहाबाद में ब्भ्9.फ्7भ् हेक्टेयर जमीन पर सोलर पार्क की स्थापना की जाएगी। इन्हें संबंधित जिलों के डीएम ने चिन्हित किया है। इस प्रकार उपलब्ध क्0ख्9.भ्भ्भ् हेक्टेयर अकृषक भूमि अकृषक भूमि पर भ्00 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क की स्थापना की जाएगी। सोलर पार्क के लिए भारत सरकार द्वारा फ्0 फीसदी या ख्0 लाख रुपए प्रति मेगावाट जो भी कम होगा केन्द्रीय वित्तीय सहायता भी दिए जाने का प्रावधान है।