आरटीए की मीटिंग में एजेंसी मालिकों ने किया भ्रमित, तय समय में उपलब्ध नही करा पाएंगे सीएनजी वाहन

एटी-बीटी सीरीज के पुराने वाहनों को मिल गई संजीवनी, गांव की जगह चलेंगे शहर में

कर सकते हैं स्टेट लेवल पर अपील, होगी कार्रवाई

ALLAHABAD: आरटीए की बैठक में 19 जून को लिए गए फैसले पर एक बार फिर सवाल खड़े होने लगे हैं। आटो- विक्रम चालक इस निर्णय से इत्तेफाक नहीं रख रहे हैं। उनका कहना है कि एजेंसी मालिकों ने आरटीए को भ्रमित किया है। तय समय सीमा में वह सीएनजी वाहन उपलब्ध नही करा पाएंगे। ऐसे में अधिकारियों को फिर से फैसला बदलना पड़ सकता है। बता दें कि बैठक में अलग-अलग सीरीज के वाहनों को बदलने के लिए टाइम लाइन फिक्स की गई है।

वाहनों के लिए कम है एक माह

आरटीए की बैठक में कमिश्नर डॉ। आशीष कुमार गोयल ने एटी-बीटी सीरीज के वाहनों को बीस जुलाई तक चलाए जाने की परमिशन दी है। ये वे वाहन हैं, जिनका परमिट खत्म हो चुका है और अब यह स्कूलों में या गांव में छिपकर चल रहे हैं। कमिश्नर के आदेश से इनको संजीवनी मिल गई है। अब यह नए परमिट के साथ शहर में भी चल सकेंगे। लेकिन, सवाल यह है कि इस सीरीज के एक हजार नए वाहन बीस जुलाई तक एजेंसी कैसे उपलब्ध करा पाएंगी। फिलहाल बुकिंग जारी है। वाहन चालकों का कहना है कि इतनी जल्दी यूरो फोर नई सीएनजी वाहनों का मिल पाना मुश्किल है।

राज्य स्तर पर कर सकते हैं अपील

अगर निश्चित समय सीमा में नए वाहन उपलब्ध नहीं हुए तो वाहन चालक और टेंपो-टैक्सी एसोसिएशन के पदाधिकारी राज्य स्तर पर एसटीए में अपील कर सकते हैं। यहां से आदेश के बाद समय सीमा में बढ़ोतरी हो जाएगी। बता दें कि पिछली टाइम लाइन में भी एजेंसियां नए वाहन उपलब्ध कराने में असफल साबित हुई थीं। उस समय भी तत्कालीन कमिश्नर राजन शुक्ल के सामने एजेंसियों ने सीएनजी वाहन उपलब्ध कराने का वादा किया था। शायद इस बार भी ऐसा किया गया है।

यहां लग गए थे कई साल

इसके पहले यूपी में कानपुर और लखनऊ में सीएनजी वाहन चलाए जाने की प्रक्रिया को पूरा होने में तीन से चार साल का समय लग गया था। इलाहाबाद में भी यही स्थिति पैदा हो रही है। जब तक ऑटो सेल्स कंपनियां मार्केट में भरपूर थ्री प्लस वन और सिक्स प्लस वन सीएनजी वाहन उपलब्ध नही करा देंगे। ऐसे ही समस्या खड़ी होती रहेगी। जो स्थिति एटी-बीटी सीरीज के वाहनों में बन रही है, वही सीटी-बीटी और ईटी-एफटी सीरीज के साथ भी यही दिक्कत होनी है।

वर्जन

एटी-बीटी सीरीज के वाहनों को आरटीए की बैठक के आदेश से फायदा होगा। लेक्रिन, एक माह में एजेसी इनको नए वाहन उपलब्ध करा पाएंगी। यह संदेह के घेरे में है। उन्होंने आरटीए को भ्रमित किया है। जिसका खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना होगा।

रमाकांत रावत, महामंत्री, टैंपो-टैक्सी यूनियन