- दून में बनेगा राज्य का पहला सिटी पार्क
- एमडीडीए द्वारा शुरू किया गया पार्क का डिमार्केशन
- लखनऊ की एक कंपनी को दिया कंसल्टेंसी और डीपीआर का काम
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DEHRADUN : दून में राज्य का पहला सिटी पार्क बनाया जाएगा। ये पार्क अपने-आप में खास होगा और पूरे प्रदेश की संस्कृति और विरासत इस पार्क में नजर आएगी। देहरादून मसूरी विकास प्राधिकरण द्वारा पार्क के लिए सहस्त्रधारा रोड पर तरला नागल में डिमार्केशन का काम शुरू कर दिया गया है। सिटी पार्क 15 हेक्टेयर में डेवलप किया जाएगा, जो न केवल टूरिज्म के लिहाज से स्पेशल होगा बल्कि इस पार्क में ज्ञान का भंडार भी संजोया जाएगा।
आंकड़ों पर एक नजर
- 15 हेक्टेयर एरिया में डेवलप किया जाएगा सिटी पार्क - 10 करोड़ रुपए लगेंगे पार्क डेवलप करने में - 70 लाख रुपए में दिया कंसल्टेंसी और डीपीआर का काम
डीपीआर की तैयारी शुरू
सहस्त्रधारा स्थित हेलीपैड के पास तरला नागल में एमडीडीए द्वारा सिटी पार्क का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट और कंसल्टेंसी का काम लखनऊ की एक कंपनी को सौंप दिया गया है। बताया जा रहा है कि डीपीआर और कंसल्टेंसी के लिए 70 लाख रुपए बजट में करार हुआ है। हालांकि पार्क को डेवलप करने में 10 करोड़ रुपए तक का खर्च आने की संभावना है।
बनेगा टूरिस्ट्स डेस्टिनेशन
दून में गांधी पार्क के अलावा और कोई बड़ा पार्क नहीं है। गांधी पार्क का दायरा भी सीमित है। दून में कोई ऐसा पार्क नहीं है, जो टूरिस्ट्स के लिए एक अट्रैक्टिव डेस्टिनेशन साबित हो। ऐसे में दून में एक सिटी पार्क डेवलप करने की योजना बनाई गई है। बाकायदा सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा इसके लिए एमडीडीए को निर्देश दिए गए थे। एमडीडीए द्वारा अब पार्क डेवलप करने को लेकर कवायद शुरू कर दी गई है।
मेट्रो सिटीज की तर्ज पर होगा पार्क
सिटी पार्क को मेट्रो सिटीज की तर्ज पर डेवलप किया जाएगा। यहां हर एज ग्रुप के विजिटर्स के लिए अलग जोन होगा। बच्चों के लिए चाइल्ड पार्क, तो बुजुर्गो के लिए स्पेशल सीनियर सिटीजन जोन डेवलप किया जाएगा। इसके अलावा यहां जॉगिंग, वॉकिंग और साइकिलिंग के लिए भी अलग-अलग ट्रैक होंगे।
हैरिटेज कम एजुकेशनल पार्क
सिटी पार्क को इस तरह डेवलप किया जाएगा, जिसमें उत्तराखंड की संस्कृति की झलक हो और यह राज्य की विरासतों को संजोए हुए हो। इसके साथ ही स्टूडेंट्स और विजिटर्स को पार्क में उत्तराखंड की संस्कृति, पर्यटन, तीर्थस्थल, जियोग्राफी और विरासत से भी रूबरू कराया जाएगा।
10 करोड़ रुपए से ज्यादा बजट
एमडीडीए अफसरों के अनुसार पार्क की डीपीआर के लिए 70 लाख रुपए की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है। इसके अलावा पार्क को डेवलप करने के लिए 10 करोड़ रुपए से ज्यादा बजट की जरूरत होगी। सिटी पार्क का निर्माण खुद एमडीडीए करेगा या पीपीपी मोड पर इसे तैयार कराया जाएगा, इस पर फैसला होना अभी बाकी है।
26 पार्क्स की जिम्मेदारी पहले से
एमडीडीए के पास वर्तमान में 26 पार्को की देख-रेख का जिम्मा है। इसके अलावा करीब 7 दर्जन छोटे पार्क एमडीडीए द्वारा हाउसिंग सोसाइटीज के हैंडओवर किए गए हैं। जिनका रख-रखाव का जिम्मा सोसायटीज के पास है।
पार्क में ये फैसिलिटीज
- पिकनिक जोन
- सैंड बीच
- पॉन्ड्स
- बीएमएक्स ट्रैक
- साइकिल ट्रैक
- घाट
- सीनियर सिटीजंस पार्क
- योगा पार्क
- एक्यूप्रेशर पार्क
- इको गार्डन
- एडवेंचर स्पोर्ट्स जोन
- फूड कोर्ट
जिस प्रकार से सिटी पार्क की थीम पर विचार किया जा रहा है, उसकी कीमत 10 करोड़ से ऊपर जा सकती है। इसे एमडीडीए बनाएगा या फिर पीपीपी मोड पर तैयार किया जाएगा, इस पर फैसला होना बाकी है।
पीसी दुमका, सचिव, एमडीडीए
दून में सिटी पार्क तैयार किया जा रहा है तो यह बेहद खुशी की बात है। गांधी पार्क को छोड़ दिया जाए तो शहर में ऐसा कोई बड़ा पार्क नहीं, जहां लोग फुल इंज्वॉय कर सकें।
प्रमोद बमराड़ा, प्रमुख, स्टॉप टीयर्स संस्था
दून में एक बढि़या पार्क की कमी हमेशा महसूस की जाती रही है। स्पेशली बच्चों और महिलाओं के लिए कोई ऐसा पार्क नहीं है जहां वे वॉकिंग या जॉगिंग कर सकें। सिटी पार्क की योजना काफी अच्छी है।
कांता जोशी, हाउस वाइफ