फ्राइडे को टैक्स रिफार्म के डायरेक्शन में मेजर स्टेप बढ़ाते हुए गवरमेंट ने गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स, लोकसभा में कांसटीट्यूशन अमेंडमेंड 122 प्रेजेंट किया. इस 122 अमेंडमेंड बिल पर पार्लियामेंट और आधे स्टेटस के लेजिलेचर्स की स्टेंप लगने पर एक अप्रैल, 2016 से GST लागू होने का रास्ता साफ हो जाएगा.

पूरी कंट्री में गुड्स एण्ड सर्विसेज के लिए यूनिफार्म टैक्स स्ट्रकक्चर बनाने के इंटेशन से लाए गए इस बिल से लिकर को छोड़ बाकी सभी गुड्स एण्ड सर्विसेज पर जीएसटी लागू होगा. पेट्रोलियम प्रोडेक्टस पर भी जीएसटी लगेगा लेकिन पेट्रोलियम प्रोडेक्टस पर जीएसटी किस डेट से लागू हो, इसका डिसीजन सेंट्रल फाइनेंस मिनिस्टिर के प्रेसिडेंटशिप वाली जीएसटी काउंसिल करेगी. जीएसटी लागू होने पर स्टे्टस को होने वाले रेवन्यु लॉस का कंप्लशेसन फर्स्ट फाइव ईयर तक सेंट्रल गवरमेंट करेगी. इसके अलावा इंटरस्टेट गुड्स एण्ड सर्विस सप्लाई पर एक परसेंट एक्स्ट्रा टैक्स लगाया जाएगा और इससे होने वाली अर्निंग को स्टेटस को डिस्ट्रीब्यूट कर दिया जाएगा.

फाइनांस मिनिस्टर अरुण जेटली ने अपोजीशन के बेयर प्रोटेस्ट के बीच यह बिल लोकसभा में प्रेजेंट करते हुए कहा कि जीएसटी लागू होने पर स्टेटस को एक रुपये का भी लॉस नहीं होगा.  जीएसटी लागू होने पर सेंटर के सेंट्रल एक्साइज, एडीशनल एक्साइज, सर्विस टैक्स, काउंटरवेलिंग ड्यूटी और गुड्स एण्ड सर्विस पर लगने वाले सरचार्ज और सेस खत्म हो जाएंगे.

इसी तरह स्टेटस के टैक्स जैसे वैट या सेल्स टैक्स, इंटरटेनमेट टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, टोल और एंट्रेस टैक्स, परचेज टैक्स,लक्जरी टैक्स, लॉटरी, सट्टे और जुए पर टैक्स भी खत्म हो जाएंगे. कांसटीट्यूशन के अंडर तहत डिक्ले्यर आब्जेक्टस ऑफ पर्टिकुलर आब्जेक्टस की लिस्ट भी खत्म हो जाएगी. जीटीएस तीन लेयर से लगेगा फर्स्ट सेंट्रल जीटीएस, जिसे सेंट्रल गवरमेंट लगाएगी और वसूलेगी. सेकेंड जीटीएस स्टेटस के फेवर में होगा जिसे लगाने और वसूलने का राइट स्टेटस का होगा.  थर्ड वो जीएसटी होगा जो एक स्टेट से दूसरे स्टेट के बीच गुड्स और सर्विसेज के लेनदेन पर लगेगा, इसे इंटीग्रेटेड जीटीएस कहेंगे और इसे लगाने और वसूलने का राइट सेंटर के पास होगा.

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