वे सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मंगलवार को पाँच दिवसीय यात्रा पर इस्लामाबाद पहुँची थी और पाकिस्तानी संसद के निचले सदन राष्ट्रीय असेंबली की अध्यक्ष फहमीदा मिर्ज़ा ने उनका स्वागत किया था।

फहमीदा मिर्ज़ा की ओर से मीरा कुमार के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया गया, जिसमें पाकिस्तानी सांसदों और वरिष्ठ पत्रकारों से भाग लिया।

मीरा कुमार ने शुद्ध में उर्दू में दिए गए अपने भाषण में फिराक गोरखपुरी, मजरूह सुल्तानपुरी और फैज़ अहमद फैज़ की कविताएँ भी पढ़ीं और हॉल में बैठे लोगों ने ख़ूब तालियाँ बजा कर प्रशंसा की।

उन्होंने पाकिस्तान की सुंदरता की काफी प्रशंसा की और पाकिस्तानी सांसदों से कहा, “आपकी लाजवाब मेहमान नवाज़ी भारत में काफी मशहूर है और यहाँ आने के बाद पता चला है कि हकीकत में वह बहुत आला किस्म की है.” उन्होंने बताया कि दोनों देशों की संसदें जनता के बीच बेहतर संबंध के प्रोत्साहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

'एक जैसी संस्कृति'

मीरा कुमार के मुताबिक भारतीय फिल्मे पाकिस्तान में काफी पसंद की जाती हैं जबकि पाकिस्तानी संगीतकारों और गायकों के भारत में काफी प्रशंसक हैं क्योंकि दोनों देशों के संबंधों की बुनियाद एकी जैसी संस्कृति पर है।

उसके विपरीत उनकी पाकिस्तानी समकक्ष फहमीदा मिर्ज़ा ने अपना भाषण अंग्रेज़ी भाषा में दिया और उन्हें इस बात पर गर्व है कि पहली बार दोनों देशों की संसद के निचने सदन की अध्यक्ष महिलाएँ हैं।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव के बीच जनवरी 2010 में उन्होंने भारत की यात्रा की थी ताकि संसद के माध्यम से संबंध बेहतर हों। उससे पहले मीरा कुमार ने पाकिस्तानी संसद का दौरा किया और वरिष्ठ सांसदों से मुलाकात की।

अपने यात्रा के दौरान वे राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी, प्रधानमंत्री यूसुफ रज़ा गिलानी और वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात करेंगी। अपनी यात्रा के अंतिम दिन मीरा कुमार लाहौर जाएँगे जहाँ वे पंजाब के गर्वनर लतीफ़ खोसा और मुख्यमंत्री शहबाज़ शरीफ से भी मुलाक़ात करेंगी।

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