- सपा पार्षदों ने कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन, निगम पर लगाए गंभीर आरोप

- मेयर ने भी दिए तीखे जवाब

BAREILLY:

सपा पार्षद अब नगर निगम के विरोध में जमकर उतर आए हैं। ट्यूजडे को उन्होंने कमिश्नर रणवीर प्रसाद को नगर निगम के खिलाफ 13 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा जिसमें उन्होने नगर निगम पर जमकर आरोप लगाए है। दरअसल मंडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने 'रिजल्ट से पहले फेल हुआ स्वच्छ वार्ड कॉम्पटीशन' खबर को पब्लिश किया। जिसके बाद सपा से जुड़े पार्षद नगर निगम के खिलाफ एक्शन मोड में आ गए। मंडे को पार्षदों ने नगर आयुक्त का घेराव किया। उसके बाद ट्यूजडे को कमिश्नर से मिलकर कई गंभीर आरोप लगाए। पार्षदों के आरोपों का मेयर डॉ। उमेश गौतम ने कटाक्ष करते हुए आरोपों को निराधार बताया।

सफाई व्यवस्था पर उठाए सवाल

सपा पार्षदों ने कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था एकदम चरमराई हुई है। पिछले तीन सालों में नगर निगम ने तीन बार डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कंपनियों को बदल दिया और उनका भुगतान भी रोक लिया। बाद एक मोटी रकम वसूल कर उनका भुगतान किया गया।

छ: महीनों से नही हुई बोर्ड की बैठक

कमिश्नर को सौंपे ज्ञापन में पार्षदों ने कहा कि पिछले छ: महीनों से नगर निगम बोर्ड की बैठक नहीं हुई जबकि बैठक हर तीन महीने के अंदर हो जाना चाहिए। इसके अलावा चार महीने से कार्यकारणी की बैठक भी नही हुई जोकि हर महीने होना चाहिए।

मेयर- किसी कारणवश कार्यकारणी की बैठक नही हो पाई लेकिन अभी जो उन्होने कार्यकारणी की बैठक को लेकर जो आरोप लगाए है। वो इसलिए लगाए है कि उन्हे इस बात का पता चल चुका था कि कार्यकारणी की बैठक 4 नवम्बर को होने वाली है।

चहेतों से लगवाई स्ट्रीट लाइट

पार्षदों का कहना है कि भारत सरकार की ओर से ईईसीएल कंपनी से ही एलईडी लाइटें लगाने का काम दिया गया था। लेकिन जब कंपनी उसे पूरा नही कर पाई तो नगर निगम ने चहेते ठेकेदारों को लाइटों लगाने का काम सौंप दिया।

मेयर- ईईएसएल के आलावा दूसरी लाइटों से परेशानी है। तो पार्षदों ने अपने इलाके में दूसरी लाइटें क्यों लगवाई। इस तरीके से तो सभी पार्षदों को नगर निगम उन लाइटों को वापस कर देना चाहिए। जो इन्होनें सबसे ज्यादा लगा रखी हैं।