डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड में गंभीर हालत में पहुंची थी बच्ची

तेज बुखार के साथ दिमाग में थी सूजन, मेनिनजाइटिस के मिले लक्षण

BAREILLY:

बरेली में कुपोषण के बाद अब दिमागी बुखार ने भी मासूमों को अपना निवाला बनाना शुरू कर दिया है। दिमागी बुखार के फैले खतरे के बीच एक मासूम की तड़पकर मौत हो गई। वेडनसडे शाम को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड में इलाज के दौरान दिमागी बुखार से पीडि़त बच्ची ने तकलीफों के बीच अपनी आखिरी सांस ली। बच्ची को तेज बुखार के साथ दिमागी सूजन थी। डॉक्टर्स के मुताबिक उसमें मेनिनजाइटिस के लक्षण मिले थे। वहीं वेडनसडे रात को ही कुपोषण के शिकार एक नवजात की भी बच्चा वार्ड में मौत हो गई। नवजात का वजन बेहद कम था और उसे सांस लेने में भी बेहद तकलीफ हो रही थी। दोनो ही मौतें भमौरा एरिया से जुड़ी हैं।

बेहोशी की हालत में थी बच्ची

भमौरा के ब्रह्मापुर निवासी फिरंगी लाल की 8 साल की बेटी नेहा की पिछले कुछ दिनों से तबीयत खराब थी। वेडनसडे को बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे लेकर शाम करीब 6 बजे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचे। इमरजेंसी वार्ड में लाई गई बच्ची तेज बुखार के चलते बेहोश थी। ईएमओ ने अपनी जांच में उसके दिमाग में सूजन पाई। बच्चा वार्ड में एडमिट करने पर पीडियाट्रिशियन डॉ। एससी गुप्ता ने बच्ची को गंभीर हालत में देखा। दिमागी बुखार मेनिनजाइटिस के लक्षण मिलने पर आनन-फानन में बच्ची का इलाज शुरू किया गया। लेकिन आधे घंटे में ही मासूम ने दम तोड़ दिया।

प्री-मेच्योर थी डिलीवरी

बरेली मंडल में कुपोषण से हो रही मासूमों की मौतों में एक और आंकड़ा जुड़ गया है। कुपोषण के चलते महज एक दिन के नवजात की भी बच्चा वार्ड के एनआईसीयू में मौत हो गई। भमौरा के नवदिया में रहने वाले ईश्वर दयाल की वाइफ पुष्पा की ट्यूजडे को डिलीवरी हुई। प्रसूता ने जुड़वा बेटों को जन्म दिया था। लेकिन दोनों ही बच्चे प्री-मेच्योर थे। उनका वजन कम था और कुपोषण के शिकार थे। दोनों ही नवजात की हालत बेहद नाजुक था। परिजन दोनों बच्चों को लेकर बच्चा वार्ड पहुंचे। दोनों मासूमों की हालत गंभीर देख उन्हें एनआईसीयू में एडमिट किया गया। वेडनसडे रात एक नवजात की मौत हो गई। इसके बाद घबराए परिजन दूसरे नवजात को एनआईसीयू से लेकर निजी हॉस्पिटल चले गए।

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दोनों बच्चों को गंभीर हालत में बच्चा वार्ड में एडमिट किया गया था। डॉक्टर्स व स्टाफ ने फौरन इलाज भी दिया था। नवजात को हॉस्पिटल की बिना परमिशन के ले गए। - डॉ। परवीन जहां, सीएमएस