- पारा चढ़ते ही शुरू हो गया हीट स्ट्रोक के मरीज आने का सिलसिला

- बच्चों में दस्त और डायरिया के मामले दो गुना बढ़े

- डॉक्टर्स की एडवाइज बच्चों को तेज धूप में जाने से रोकें

KANPUR: अप्रैल महीने में ही गर्मी का जो भीषण प्रकोप शुरू हुआ है, उसने बच्चों से लेकर बड़ों की भी प्रॉब्लम बढ़ा दी है। खास तौर से हीटस्ट्रोक के मामले एक हफ्ते में तेजी से बढ़े हैं। वहीं बच्चों में डायरिया और डीहाईड्रेशन के मामलों में भी तेजी से बढ़ोत्तरी हो गई है। शहर के दो प्रमुख अस्पतालों की इमरजेंसी में आए मरीजों की संख्या पर गौर करें तो आंकड़े चौकाने वाले हैं। बालरोग अस्पताल और हैलट इमरजेंसी के मेडिसिन विभाग में हीट स्ट्रोक व डायरिया से पीडि़त बच्चे लगातार भर्ती हो रहे हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक पहले यह स्थिति मई के महीने में होती थी, अप्रैल में इतनी गर्मी नहीं पड़ती थी। डॉक्टर्स अब गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए एडवायजरी भी जारी कर रहे हैं।

हर घंटे बढ़ रही मरीजों की संख्या

हैलट इमरजेंसी में मंगलवार को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक 18 मरीज मेडिसिन विभाग में भर्ती हुए। इसमें से ज्यादातर मरीज गर्मी के असर से प्रभावित थे। 7 मरीज हीट स्ट्रोक के भी भतर्1ी हुए।

गर्मी ने बढ़ाया बच्चों पर खतरा

मंगलवार को बालरोग विभाग की ओपीडी जोकि सार्वजनिक अवकाश की वजह से 11.30 बजे तक ही चली उस दौरान भी करीब 200 बच्चे आए। जूही में रहने वाले राजेंद्र सिंह के तीन महीने के बेटे की हीटस्ट्रोक की वजह से तबीयत बिगड़ गई, जिससे उसे बालरोग इमरजेंसी में एडमिट कराया गया।

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हीट स्ट्रोक के लक्षण-

सिरदर्द, उल्टी, उलझन, कमजोरी, मांसपेशियों में खिंचाव, सांस तेज होना, बेहोशी आना, शरीर का तापमान 105 डिग्री फेरनहाइट तक पहुंचना, पसीना कम आना

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घर से निकलने से पहले यह करें

- पानी खूब पिए, ग्लूकोज साथ रखे

- हल्के रंग के ढीले ढाले कपड़े पहने

- धूप में जाने से 15 मिनट पर पहले एसपीएफ 30 युक्त सनस्क्रीन लोशन लगाए

- बच्चों को कभी भी धूप में कार खड़ी कर न छोड़े

- काला चश्मा लगा कर घर से निकले

- एकदम से एसी से बाहर या बाहर से एयरकंडीशंड माहौल में न जाए

- तला भुना या मसालेदार खाना खाने से बचे ज्यादा नमक खाने से भी बचे

- यूरिन का रंग भी चेक करे

बच्चों के लिए एहतियात

- बच्चों को कम से कम 8 गिलास पानी पिलाएं

- बच्चे बाहर जाएं तो उन्हें पानी की बोतल भी दें

- किसी भी खेलकूद के दौरान 15 से 20 मिनट पर बच्चे को पानी पिलाएं

- पानी के साथ स्क्वॉयश, फ्रूट जूस, शेक भी दे सकते हैं

- डीहाईड्रेशन होने पर सोडा युक्त ड्रिंक्स देने से बचें

- बच्चों को साफ पानी ही पीने को दें