Agency): भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने वोडाफोन-आइडिया के बीच विलय को अपनी मंजूरी दे दी है। सौदे से जुड़ी कानूनी सलाहकार फर्म ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस सौदे को मंजूरी मिलने से देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी अस्तित्व में आएगी। वोडाफोन इंडिया और आदित्य बिड़ला ग्रुप की आइडिया सेल्यूलर ने 20 मार्च को विलय की घोषणा की थी।


बिना शर्त मंजूरी

नियामक सीसीआई ने वोडाफोन इंडिया तथा उसकी पूर्ण अनुषंगी वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज का आइडिया सेल्यूलर के साथ विलय को बिना शर्त मंजूरी दे दी है। कंपनी के बयान के अनुसार 23 अरब डॉलर का यह विलय सौदा भारत के विलय एवं अधिग्रहण क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा सौदा होगा। आइडिया को परामर्श देने वाली लॉ फर्म ट्राईलीगल ने भी कहा कि वोडाफोन इंडिया के साथ सौदे को सीसीआई की मंजूरी मिल गई है।

आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला विलय के बाद बनने वाली कंपनी के चेयरमैन होंगे। इस विलय सौदे में वोडाफोन की इंडस टॉवर्स कंपनी में 42 परसेंट हिस्सेदारी शामिल नहीं होगी। दोनों कंपनियों के विलय के बाद बनने वाली कंपनी 80,000 करोड़ रुपए के राजस्व वाली कंपनी बन जाएगी। संयुक्त उद्यम में वोडाफोन की हिस्सेदारी 45.1 परसेंट की होगी। आइडिया के प्रमोटरों के पास इस कंपनी की 26 परसेंट हिस्सेदारी होगी, जबकि शेष हिस्सेदारी सार्वजनिक होगी।

कभी 2 रुपये दिहाड़ी पर करती थीं काम, आज हैं करोड़ों की मालकिन

भारत की दो बड़ी टेलीकॉम कंपनियों के प्रस्तावित विलय से देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बनेगी और इससे अधिक क्षमता और क्रियाशीलता का निर्माण होगा। इस विलय सौदे को पहले ही चरण में मंजूरी मिल गई है, इससे यह तात्पर्य लगाया जाता है कि सौदे की विस्तृत जांच पड़ताल नहीं होगी। एक सीमा से अधिक राशि के विलय एवं अधिग्रहण सौदों को सीसीआई मंजूरी लेनी होती है। आयोग विभिन्न क्षेत्रों में अनुचित व्यावसाय व्यवहार पर नजर रखता है।

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