1- प्रथम विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने एक्सरे के लिए मोबाइल रेडियोग्राफी की खोज की थी। उनकी इस खोज को लिटिल क्यूरिस के नाम से जाना गया। मेरी का जन्म पोलैंड के वारसा नगर में हुआ था।
2- महिला होने के कारण तत्कालीन वारसॉ में उन्हें सीमित शिक्षा की ही अनुमति थी। इसलिए उन्हें छुप-छुपाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करनी पड़ी। बाद में बड़ी बहन की आर्थिक सहायता की बदौलत वह भौतिकी और गणित की पढ़ाई के लिए पेरिस आईं।
3- मैरी क्यूरी ने फ्रांस में डॉक्टरेट पूरा करने वाली पहली महिला होने का गौरव पाया। उन्हें पेरिस विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर बनने वाली पहली महिला होने का गौरव भी मिला। यहीं उनकी मुलाकात पियरे क्यूरी से हुई। बाद में उन दोनों ने शादी कर ली।
4- मैरी क्यूरी और उनके पति पियरे क्यूरी ने 1898 में पोलोनियम की महत्त्वपूर्ण खोज की। कुछ ही महीने बाद उन्होंने रेडियम की खोज भी की। चिकित्सा विज्ञान और रोगों के उपचार में यह एक महत्वपूर्ण क्रांतिकारी खोज साबित हुई।
5- 1903 में मेरी क्यूरी ने पी-एच.डी. पूरी कर ली। इसी वर्ष इस दंपत्ति को रेडियोएक्टिविटी की खोज के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला।
6- 1911 में उन्हें रसायन विज्ञान के क्षेत्र में रेडियम के शुद्धीकरण यानी आइसोलेशन ऑफ प्योर रेडियम के लिए रसायनशास्त्र का नोबेल पुरस्कार भी मिला। विज्ञान की दो शाखाओं में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली वह पहली वैज्ञानिक हैं।
7- मैरी क्यूरी और पियरे क्यूरी की दोनों बेटियों ने भी नोबल पुरस्कार प्राप्त किया। बडी बेटी आइरीन को 1935 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ तो छोटी बेटी ईव को 1964 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिला।
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