- भूमि अधिग्रहण के लिए बन रहा प्लान

- सब स्टेशन और अन्य जरूरतों के लिए सरकार से 37.8 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी

LUCKNOW: मेट्रो ट्रेन के लिए करीब 7भ् हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी। फिलहाल, भूमि अधिग्रहण का काम अभी शुरू नहीं होगा। लेकिन, इतना दावा किया जा रहा है कि भूमि अधिग्रहण की वजह से कोई भी परेशान नहीं होगा।

7भ् हेक्टेयर जमीन की जरूरत

मेट्रो रेल संचालन और निर्माण के लिए एलएमआरसी को करीब 7भ् हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी। इसमें स्थाई और अस्थाई दोनों ही तरह की जमीन की जरूरत होगी। यह भूमि गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर से ली जाएगी। करीब क्फ् हेक्टेयर जमीन प्राइवेट सेक्टर से एक्वायर करनी होगी। नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर में स्टेशन के लिए सरकार से क्.8फ् हेक्टेयर और प्राइवेट से ख्.0ख् हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी। इसमें रनिंग सेक्शन के लिए सरकार से क्.0भ् और प्राइवेट से फ्। म्8 हेक्टेयर जमीन चाहिए होगी। सब स्टेशन और अन्य जरूरतों के लिए सरकार से फ्7.8 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी।

भूमि सरकार को देनी होगी

कुल ब्8 हेक्टेयर जमीन इस कॉरिडोर के लिए एलएमआरसी लेगा। जबकि ईस्ट- वेस्ट कॉरिडोर के लिए स्थाई जरूरत के तौर पर स्टेशन के लिए ख्.8क् हेक्टेयर जमीन ली जाएगी। प्राइवेट क्षेत्र से इसमें क्.87 हेक्टेयर जमीन लेनी पड़ेगी। रनिंग सेक्शन के लिए प्राइवेट क्षेत्र से 0.7भ् हेक्टेयर भूमि ली जाएगी। सब स्टेशन और अन्य जरूरतों के लिए क्ख्.फ्फ् हेक्टेयर भूमि सरकार को देनी होगी। अस्थाई तौर पर भी भूमि की जरूरत होगी। इसमें नॉर्थ- साउथ कॉरिडोर में स्टेशनों के लिए ख्.9ब् हेक्टेयर सरकार से और क्.7फ् हेक्टेयर प्राइवेट क्षेत्र से भूमि की आवश्यकता होगी। डिपो के लिए 0.7फ् हेक्टेयर सरकार से और 0.ख्भ् हेक्टेयर निजी क्षेत्र से जरूरत होगी। जबकि, ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर में स्टेशनों के लिए ख्.ब्8 हेक्टेयर सरकार से ख्.8ब् हेक्टेयर प्राइवेट क्षेत्र से लेने की जरूरत पड़ेगी। डिपो के लिए .ख्फ् हेक्टेयर की जरूरत सरकार से पड़ेगी।

मेट्रो में किसी का निर्माण तोड़ा जाएगा तो उसका नुकसान नहीं होगा। फिलहाल, अभी अधिग्रहण की कार्रवाई नहीं की जा रही है।

राजीव अग्रवाल

सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन।