डीपीआर में उस रूट को भी अप्रूवल जिस पर रैपिड रेल के संचालन को मिल चुकी है मंजूरी

परतापुर से मोदीपुरम तक प्रथम कॉरीडोर को किया शामिल

जबकि इस कॉरीडोर पर रैपिड रेल को मिल चुकी है मंजूरी

Meerut। मेरठ मेट्रो की रिवाइज डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में भी खामी है। केंद्र सरकार को भेजी गई डीपीआर में उस रूट को भी अप्रूवल के लिए शामिल कर लिया गया है जिस पर रैपिड रेल के संचालन को मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में केंद्र सरकार रिवाइज डीपीआर को खारिज भी कर सकती है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक प्रदेश सरकार की जल्दबाजी मेरठ के मेगा प्रोजेक्ट के लिए मंहगी साबित हो सकती है।

जरा समझ लें

पूर्व सपा सरकार के दौरान मेरठ मेट्रो की फिजीबिलिटी चेक करने के बाद कंसल्टेंट राइटर्स ने डीपीआर तैयार की थी। परतापुर से मोदीपुरम रूट का निर्माण फ‌र्स्ट कॉरीडोर में होना था जबकि सेकेंड कॉरीडोर में श्रद्धापुरी से गोकुलपुर तक मेट्रो का संचालन किया जाना था। अभी डीपीआर को यूपी कैबिनेट की मंजूरी मिलती इससे पहले ही विधानसभा चुनाव हो गए और सूबे में बीजेपी की सरकार बन गई। सरकार बनने के साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने मेरठ मेट्रो प्रोजेक्ट को पूरा करने की घोषणा की तो वहीं केंद्र सरकार ने दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (रैपिड रेल) प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी।

रिवाइज की गई थी डीपीआर

नई मेट्रो नीति लागू होने के बाद स्टेट गर्वमेंट ने पूर्व में बनी डीपीआर को खारिज करते हुए राइट्स को रिवाइज डीपीआर बनाने के निर्देश दिए। सूत्रों का कहना है राइट्स ने रिवाइज डीपीआर में भी फ‌र्स्ट कॉरीडोर को मेरठ मेट्रो प्रोजेक्ट के साथ शामिल रखा है जबकि यह कॉरीडोर केंद्र सरकार की आरआरटीएस (रैपिड रेल) परियोजना का हिस्सा है। परतापुर तक आने वाली रैपिड रेल ट्रैक को निर्माणी संस्था नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने आगे बढ़ाकर मोदीपुरम तक कर दिया। ऐसे में यूपी कैबिनेट की बैठक से एप्रूव होकर केंद्र सरकार पहुंची मेरठ मेट्रो की डीपीआर में फ‌र्स्ट कॉरीडोर के योजना के साथ शामिल नहीं करना था।

2024 तक का लक्ष्य

मेरठ मेट्रो की रिवाइज डीपीआर को जनवरी, 2018 में योगी सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी देकर केंद्र सरकार को भेज दिया। एप्रूव डीपीआर में दोनों कॉरीडोर का जिक्र है तो वहीं केंद्र सरकार को भेजी गई डीपीआर में भी फ‌र्स्ट कॉरीडोर को शामिल किया गया है। 2024 तक मेरठ शहर की मेट्रो परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य यूपी गर्वमेंट ने रखा है तो वहीं बजट 13,800 करोड़ रखा गया। केंद्र और राज्य सरकार इसमें 50-50 प्रतिशत व्यय वहन करेगी।

भारी न पड़ जाए लापरवाही

सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार ने मेरठ मेट्रो के दो कॉरीडोर को लेकर टिप्पणी की है। गत दिनों केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ दिल्ली में बैठक के दौरान भी यह सामने आया था कि मेरठ मेट्रो के फ‌र्स्ट कॉरीडोर पर रैपिड रेल दौड़ेगी। ऐसे में इस कॉरीडोर का निर्माण मेट्रो परियोजना के तहत नहीं बल्कि आरआरटीएस परियोजना के तहत होगा। और केंद्र सरकार सराय काले खां से मोदीपुरम तक आरआरटीएस की लागत तय करने के बाद फंड भी रिलीज कर चुकी है। सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार में 2 माह से अप्रूवल की बाट जोह रही मेरठ मेट्रो की डीपीआर कहीं प्रदेश सरकार की लापरवाही के चलते फंस न जाए।

ये हैं प्रस्तावित स्टेशन

कॉरीडोर-1

परतापुर, डीएन पॉलीटेक्निक, रिठानी, शताब्दीनगर, संजय वन, माधवपुरम, ब्रह्मापुरी, बागपत रोड क्रासिंग, रेलवे रोड चौराहा, भैसाली मैदान, बेगमपुल, एमईएस कालोनी कैट, सोफीपुर, डोरली, गुरुकुल, पल्लवपुरम व मोदीपुरम है। प्रथम कारिडोर में दो स्टेशन की औसत दूरी 1.2 किमी होगी।

कॉरीडोर-2

श्रद्धापुरी फेज-2, कंकरखेड़ा, मेरठ कैंट, कैंट स्टेशन, रजबन बाजार, बेगमपुल, बच्चा पार्क, शाहपीर गेट, हापुड़ अड्डा चौराहा, गांधी आश्रम, मंगल पांडे नगर, तेजगढ़ी, मेडिकल कॉलेज, जागृति विहार एक्सटेशन व गोकलपुर प्रस्तावित स्टेशन है। द्वितीय कॉरिडोर में एक से दूसरे स्टेशन की दूरी 1.1 किमी होगी।

शासन की ओर से मेट्रो को लेकर हाल-फिलहाल कोई निर्देश नहीं है। रैपिड रेल की तैयारी तेज है। टाउन प्लान को रैपिड रेल का नोडल अफसर बनाया गया है।

साहब सिंह, उपाध्यक्ष, एमडीए