पहले शहर में लगाए गए थे होर्डिग्स

- एमजी रोड आरओबी की वॉल पर बनाई गई मेट्रो की पेन्िटग

- 12 वर्ष पहले तैयार किया गया था मेट्रो परियोजना का प्रस्ताव

- अभी तक नहीं हो सका निर्णय

आगरा। ताजनगरी में मेट्रो परियोजना कल्पनाओं में खूब साकार हो रही है, लेकिन हकीकत में स्थिति निराधार है। 12 वर्ष पहले तैयार की गई मेट्रो परियोजना अभी तक धरातल पर नहीं उतर सकी है। मुगलों की सल्तनत वाली इस नगरी में जब भी सियासी लड़ाके अखाड़े में ताल ठोंकने को उतरे हैं, सियासी मंच इस बात के गवाह रहे हैं कि उनके दावों-वादों की पोटली से निकली मेट्रो सियासी प्रपंचों की जुबानों पर खूब चमकी। मेट्रो परियोजना से जुड़े तमाम पहलुओं की पड़ताल करती ये रिपोर्ट

होर्डिग से वॉल पेंटिंग तक पहुंची मेट्रो परियोजना

आठ महीने पूर्व शहर में जगह-जगह मेट्रो परियोजना के शुरू होने के होर्डिग लगाए गए थे। इन होर्डिग में सियासी कद्दावरों में श्रेय लेने की होड़ लग गई थी। शहर में चाक-चौराहों पर लगे होर्डिग में देश-प्रदेश में सत्तारुढ़ पार्टी के नेताओं ने जगह-जगह अपना फोटो चस्पा कर मेट्रो परियोजना के होर्डिग सजवा दिए थे। होर्डिग से मेट्रो धरातल पर तो नहीं आयी, लेकिन वॉल पेन्टिंग तक जा पहुंची। बुधवार को एमजी रोड स्थित रावली आरओबी की वॉल पर मेट्रो रेल को दर्शाते हुए पेन्टिंग बनाई गई।

शहर में 2007 में तैयार किया गया था मेट्रो परियोजना का प्रस्ताव

शहर में मेट्रो की परियोजना वर्ष 2007 में तैयार की गई थी। उस दौरान शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जवाहर लाल नेहरू अरबन रिन्युअल मिशन के तहत प्रस्ताव तैयार किया गया था। बात केवल प्रस्ताव तक ही सीमित रही। इसके बाद वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समय आगरा की मेट्रो परियोजना पर माथापच्ची शुरू की गई थी। इसके बाद एमजी रोड पर एलीवेटेड रोड बनाने को लेकर बात हुई।

वर्ष 2016 में राइट संस्था ने शुरु किया था डीपीआर बनाने का काम

वर्ष 2016 में राइट संस्था रेल इंडिया टेक्नीकल एंड इंजीनियरिंग सर्विसेज राइट्स द्वारा मेट्रो की विस्तृत डीपीआर तैयार डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने काम शुरू किया गया था। पहले प्रदेश में योगी की सरकार ने इसकी डीपीआर बनाने तैयार कर काम शुरू करने की बात कही गई थी। इसमें कानपुर, मेरठ और आगरा को शामिल किया गया था। बाद में केन्द्र सरकार ने इसको निरस्त कर दुबारा डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद इसको पीपीपी मॉडल पर तैयार करने की बात कही गई। बात आगे नहीं बढ़ी। इसकी दुबारा डीपीआर तैयार की गई।

बनाए जाने थे दो कॉरीडोर

राइट संस्था ने मेट्रो परियोजना की 10830 करोड़ की डीपीआर तैयार की। शहर में मेट्रो के संचालन करने के लिए दो कॉरीडोर बनाए जाने का उल्लेख डीपीआर में किया गया था। इसमें पहला कॉरीडोर सिकंदरा से ताजमहल तक और दूसरा कॉरीडोर आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक प्रस्तावित हुआ था। दोनों की रूटों पर 15-15 स्टेशन का उल्लेख डीपीआर में किया गया था। इसमें पहले कॉरीडोर की दूरी 14 किमी। और दूसरे कॉरीडोर की दूरी 16 किमी। तक निर्धारित की गई थी। इस प्रकार शहर में मेट्रो 30 किमी। के दायरे में चलाने का उल्लेख डीपीआर में किया गया था। सबसे पहले ताजमहल और आईएसबीटी के बीच मेट्रो के कार्य की शुरुआत की बात कही गई थी। लेकिन ये सब फाइलों से बाहर नहीं आ सका।

पीएसी परिसर में यार्ड बनाने पर हुई थी सहमति

मेट्रो परियोजना के लिए पीएसी में मेट्रो का यार्ड बनाने पर सहमति हुई थी। पीएसी को कीठम में शिफ्ट करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इसके लिए 35 एकड़ जमीन का चिन्हांकन भी कर लिया गया था।

फैक्ट फाइल

- 10830 करोड़ का ताजनगरी में मेट्रो की परियोजना

- 6306 करोड़ अंडरग्राउंड कॉरीडोर की लागत

- 4524 करोड़ दूसरे एलिवेटिड कॉरीडोर की लागत

- 30 किमी। का दायरा 30 स्टेशनों पर दो कॉरीडोर बनाया जाना था प्रस्तावित

- 22 स्टेशन एलिवेटिड दोनों रुट पर 8 स्टेशन अन्डरग्राउन्ड प्रस्तावित थे। डीपीआर में खंदारी से ताजमहल तक अन्डरग्राउन्ड करने का उल्लेख किया था।

मेट्रो परियोजना को लेकर जो डीपीआर तैयार की गई है, उसको रिवाइज कर केन्द्र सरकार के लिए सेंशन होने के लिए भेजा गया है। इस समय डीपीआर सेंशन की प्रक्रिया में है। केन्द्र सरकार से सेंशन होते ही आगे कार्यवाही की जाएगी।

हरिराम, सचिव आगरा विकास प्राधिकरण आगरा