-2006 में इलाहाबाद को महानगर बनाने की जारी हुई थी अधिसूचना

-अधिसूचना तो हुई जारी, लेकिन नहीं लागू हुई महानगर योजना

-संवैधानिक रूप से महानगर योजना लागू न होने से स्मार्ट सिटी बनने में आ सकती है दिक्कत

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: जब कोई पूछता है कि कहां रहते हैं तो हम-आप सीना ठोक कर कहते हैं, महानगर इलाहाबाद में रहते हैं। लेकिन, कोई अगर ये चुनौती दे कि इलाहाबाद महानगर नहीं है। तो उससे उलझने की कोशिश बिल्कुल मत करिएगा। क्योंकि, मौखिक रूप से इलाहाबाद को महानगर का दर्जा भले मिल गया है। लेकिन, संवैधानिक रूप में कहा जाए तो अभी तक इलाहाबाद को महानगर का दर्जा नहीं मिला है। इलाहाबाद को महानगर बनाने की अधिसूचना तो ख्00म् में ही जारी हो चुकी है, लेकिन ये अधिसूचना अभी तक संवैधानिक रूप से लागू नहीं हुई है। आठ साल में आई-गई उत्तर प्रदेश की सरकारें अभी तक इस पर अमल नहीं कर सकी हैं।

महानगर योजना हो जाता लागू तो बदल जाता शहर का नक्शा

धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक शहर की आबादी दस लाख से ज्यादा होने के बाद ख्00म् में प्रयाग नगरी इलाहाबाद को महानगर का दर्जा दिया गया। मेट्रोपालिटन सिटी के स्वरूप को अधिसूचना द्वारा स्वीकार कर लिया गया। लेकिन, महानगर योजना को शासन द्वारा लागू नहीं किया गया। महानगर योजना लागू हो जाती तो आज शहर का जो हाल है, वह बिल्कुल न होता। शहर का पूरा नक्शा बदल जाता। विकास के लिए इतना बजट आता, पूरा सिस्टम बन जाता कि शहर से लेकर गांव तक विकास दिखता। लेकिन, महानगर योजना लागू न होने से मौखिक रूप से या फिर यूं कहें कि कागज पर इलाहाबाद महानगर बन गया, लेकिन महानगर का स्वरूप नहीं बन सका।

महानगर नहीं बना सके, स्मार्ट सिटी कैसे बनाएंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर अमेरिका ने इलाहबाद को स्मार्ट सिटी के रूप में डेवलप करने में सहयोग का फैसला लिया है। अमेरिका ने अपने वादे को पूरा करने के लिए कदम भी आगे बढ़ा दिया है। लेकिन, बड़ा सवाल अब भी यही है कि क्या इलाहाबाद शहर स्मार्ट सिटी बन पाएगा। संवैधानिक रूप से जो शहर अभी तक महानगर का दर्जा नहीं पा सका है, उसे स्मार्ट सिटी बनाने की पहल कितनी कारगर होगी?

ब्फ्ख् गांवों पर अब तक फैसला नहीं

ख्00म् में इलाहाबाद को महानगर बनाने की अधिसूचना जारी होने के बाद पूरे जिले का सर्वे हुआ था। जिसके तहत जिला पंचायत के एरिया को शहर में शामिल करने का निर्णय लिया गया था। करछना, बारा, सोरांव, फूलपुर, कोरांव और हंडिया तहसील के ब्फ्ख् गांवों को विकसित करते हुए शहर सीमा में शामिल करने का निर्णय लिया गया था। फैसला ये हुआ था कि इन ब्फ्ख् गांवों में रहने वाले लोग ग्रामीण नहीं बल्कि शहरी कहलाएंगे। इन्हें भी महानगर योजना का लाभ मिलेगा। लेकिन, इन गांवों में रहने वाले हजारों लोगों के भाग्य का फैसला आज भी पेंडिंग है। नगर निगम के पार्षद शिवसेवक सिंह और पूर्व पार्षद उत्तम कुमार महानगर योजना लागू कराने के लिए लड़ाई लड़ने में लगे हैं। उन्होंने पीएमओ के साथ ही मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भी लेटर भेजा है।

7ब्वां संविधान संशोधन लागू नहीं

7ब्वां संविधान संशोधन पूर्ण प्रभावी ढंग से उत्तर प्रदेश के महानगरों में अभी तक लागू नहीं हुआ है। जिसमें इलाहाबाद भी शामिल है। क्99ख् में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की पहल पर लोकसभा में 7फ्वां, 7ब्वां संविधान संशोधन प्रस्ताव पारित हुआ था। 7ब्वां संविधान संशोधन भी अधिकांश राज्यों, मध्य प्रदेश, बिहार, केरल, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक में लागू हो गया है। प्रदेश सरकार जेएनएनएनयूआरएम योजना में शामिल महानगरों लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, मेरठ, अलीगढ़, आगरा में ख्0क्ख् तक 7ब्वां संविधान संशोधन पूर्णत: लागू करने के लिए हलफनामा देते हुए हस्ताक्षर कर चुकी है। लेकिन, इसे अमली जामा नहीं पहना सकी है।

महानगर योजना लागू हो जाए तो होगा ये फायदा

-जिले के आउटर एरिया शहर में शामिल हो जाएंगे

-जिले के ब्फ्ख् गांवों में रहने वाले शहरी कहलाएंगे

-शहर को स्मार्ट बनाने के लिए धन की कमी नहीं पड़ेगी

-महानगर योजना से इलाहाबाद को मिलने लगेगा करोड़ों का पैकेज

-धनराशि मिलने पर बदल जाएगा शहर का नक्शा

वर्जन-

यह सही है कि इलाहाबाद में अभी तक महानगर योजना लागू नहीं है। संवैधानिक रूप से किसी भी शहर को महानगर की श्रेणी में लाने के बाद वहां महानगर योजना लागू होनी चाहिए। महानगर योजना लागू होने से डेवलपमेंट का दायरा बढ़ जाता है। अध्यक्ष की जिम्मेदारी बढ़ती है। महानगर योजना के लिए काफी धनराशि भी आती है, जिससे विकास में दिक्कत नहीं आती। ख्00म् में महानगर योजना की अधिसूचना जारी हुई। लेकिन, अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं हुआ है। प्रदेश सरकार चाहें तो महानगर योजना लागू हो सकती है।

अभिलाषा गुप्ता

मेयर, नगर निगम

इलाहाबाद

वर्जन

किसी भी भवन को बनाने से पहले ये जरूरी है कि उसकी नींव मजबूत हो। इलाहाबाद को स्मार्ट सिटी बनाने की बातें बहुत हो रही है, लेकिन विकास की नींव ही कमजोर है। शहर आज तक महानगर नहीं बन सका है, तो फिर स्मार्ट सिटी कैसे बनेगा। संवैधानिक रूप में भी तक शहर को महानगर का दर्जा नहीं मिला है। सरकार को इसके बारे में सोचना चाहिए।

शिवसेवक सिंह

पार्षद, नगर निगम इलाहाबाद