- शहर सरकार के एक साल पूरे होने पर निगम में आयोजित हुआ कार्यक्रम

- पार्षदों को मानदेय दिए जाने के भी संकेत, एसटीपी की कटौती भी बंद होगी

LUCKNOW शहर सरकार काएक साल पूरे होने पर निगम सभागार में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में आए राज्यपाल राम नाईक ने संकेत दिए कि 74वें संशोधन को लागू करने पर विचार हो रहा है। इस कदम के बाद मेयर के अधिकार बढ़ जाएंगे। वहीं विशिष्ट अतिथि डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा ने संकेत दिए कि मुंबई की तर्ज पर यहां भी पार्षदों को मानदेय दिया जाना चाहिए। इसके बाद उन्होंने यह भी कहाकि इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की जिम्मेदारी निगम को मिल सकती है। इस पर भी विचार जारी है। डिप्टी सीएम ने यह भी कहाकि समग्र विकास निधि में जल्द ही चालीस करोड़ की धनराशि जारी की जाएगी। जिससे शहर के विकास में रफ्तार नजर आएगी।

क्यों किया यहां आयोजन

मेयर संयुक्ता भाटिया ने शहर सरकार की ओर से एक साल में किए गए विकास कार्यो से सभी को रूबरू कराया। उन्होंने यह भी कहाकि यह प्रोग्राम किसी अन्य प्रांगण में भव्य रूप से किया जा सकता था लेकिन इसे त्रिलोकीनाथ सभागार में किया गया। इस कदम को उठाने की वजह यह संदेश देना था कि निगम की आर्थिक स्थिति एवं अन्य परिस्थितियां बेहतर नहीं है।

विशिष्टजनों को सम्मान

लखनऊ महानगर के चार श्रेणी के विशिष्टजनों को सम्मानित किया गया। पहली श्रेणी में लखनऊ के वे गणमान्य लोग हैं जिन्होंने अपने जीवन के कुछ पल समाज के निचले तबके की सेवा में समर्पित किए। दूसरी श्रेणी उन लोगों की है जो कभी न कभी नगर निगम से किसी न किसी कारण से जुड़े रहे हैं तथा अब समाज में प्रतिष्ठित एवं निर्णायक स्थानों पर हैं। तीसरी श्रेणी में वे पार्षद हैं जिन्हें महानगर की जनता ने चार बार या उससे अधिक चुना है। चौथी श्रेणी में वे सफाईकर्मी हैं जो पूरे मनोयोग एवं तन्मयता से कार्य कर रहें हैं।

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विरोध का प्रयास

कार्यक्रम के शुरू होने से पहले निगम मुख्यालय के सामने ठेकेदारों ने विरोध स्वरूप बैठक की। कांटैक्टर्स वेल्फेयर एसोसिएशन के बैनर तले हुई बैठक में ठेकेदारों ने निर्णय लिया कि भुगतान न होने से 17 दिसंबर से सभी ठेकेदार पार्षद व नगर निगम निधि के कार्यो को बंद कर धरने पर बैठ जाएंगे।