परमिट का चक्कर नहीं

मार्केट में मयूरी करीब एक लाख रुपये की है। इसमें परमिट का कोई झोल भी नहीं। बस खरीदों और रोड पर आ जाओ। सवारी ढोने के लिए। कई ऑटो ड्राइवर्स इस मयूरी का ही सहारा ले रहे है। साथ ही सीएनजी ऑटो को एक किनारे कर रोड पर चल रहे। कुछ तो एमजी रोड पर मयूरी चला रहे हैं। साथ ही जगह-जगह सवारी ले जा रहे है।

रिक्शे की सवारी  

मयूरी रिक्शा सवारी पर सटीक बैठ रही है। इसमें पैसेंजर अपने सफर को अधिक समय में तय नहीं कर रहे है। उधर, मयूरी के रोड पर आ जाने से तांगा गाड़ी को झटका लगा है। रिक्शे की तरह इनके पैसेंजर भी मयूरी को अपने सफर का साथी बना रहे है।

जाम की कंडीशन

जगह-जगह सवारी ले जा रही मयूरी एमजी रोड पर एक बार फिर ट्रैफिक की वहीं सूरत पैदा कर रही है। जो 20 दिसंबर से पहले थी। मयूरी के ड्राइवर सवारी रोड चलते बना रहे है। इनकी दूरी भगवान टॉकीज से साईं की तकियां तक है।

नहीं गई नजर

रोड पर मयूरी कई दिनों से चल रही है। इसके बावजूद इसकी ओर न तो आरटीओ का ध्यान गया न ही ट्रैफिक पुलिस का। जबकि, ऑटो हटने के बाद ये दोनों डिपार्टमेंट एमजी रोड पर सख्ती से आ गए थे। ताकि, ऑटो रोड पर न आ सके।

नहीं हुआ था रोल बैक

20 दिसंबर 2012 को डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने एमजी रोड को ऑटो फ्री कर दिया था। इस फैसला का विरोध ऑटो यूनियन ने जमकर किया। प्रदर्शन के साथ सिटी में चक्का जाम किया। इसके बावजूद एडमिनिस्ट्रेशन को वह रोल बैक ना करा सके। तय दिन पर रोड पर रोडवेज की सिटी बस सर्विस शुरू हो गई। जो आज निरंतर है।

मयूरी थी ताज में

ताजमहल परिसर में मयूरी आने - जाने वाले टूरिस्ट को सफर कराती है। इन पर संबंधित डिपार्टमेंट की नजर होती है। जो इनका परमिट इश्यू करते है। लेकिन, एमजी रोड पर यह एक सवाल बन गई है।

एमजी रोड पर मयूरी नहीं चल सकती है। यदि ऐसा है तो इसकी जांच डिपार्टमेंट करेगा।

संजय माथुर, आरटीओ, आगरा