आई एक्सक्लूसिव

-विद्यापीठ में हॉस्टलर्स के साथ आने वालों को नाइट स्टे के लिए लेना होगा वीसी से परमिशन

-आपराधिक घटनाओं को देखते हुए अलर्ट हुआ काशी विद्यापीठ, दो गार्डो की हुई शिफ्टवार तैनाती

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी के एनडी और एलबीएस हॉस्टल में अब बाहरी छात्रों की अड्डेबाजी नहीं हो पाएगी। हाल ही में हुए जेएचवी हत्याकांड के मुख्य आरोपित 50 हजार इनामी व विद्यापीठ के छात्र आलोक की गिरफ्तारी के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कठोर नियम बनाया है। अवैध तरीके से हॉस्टल में रह रहे आलोक की संलिप्ता सामने आने के बाद वीसी प्रो। टीएन सिंह ने छात्रों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। अब बाहरी को हॉस्टल में अपने रूम में ठहराने के लिए स्टूडेंट्स को विवि प्रशासन से परमिशन लेनी होगी। गेट से हॉस्टल में इंट्री के समय ही आईडी दिखाना होगा और यदि रात भर के लिए ठहराना है तो उसके लिए वीसी से लेकर चीफ प्रॉक्टर तक से परमिशन लेने की प्रक्रिया से गुजरना होगा। वहीं सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद बनाने के लिए हास्टल के बाहर दो गार्डो की तैनाती भी की गई है।

तो वार्डेन पर कार्रवाई

राजधानी तक को हिलाने वाली जेएचवी कांड की घटना के बाद विद्यापीठ यूनिवर्सिटी की भी खूब किरकिरी हुई है। गोलीकांड के बाद आलोक एनडी हॉस्टल पहुंचा था, यहां से सामान लेने के बाद ही फरार हुआ था। ताज्जुब की बात है कि आलोक उपाध्याय के नाम से हॅास्टल एलाट भी नहीं था फिर भी वह 62 नंबर रूम में अवैध तरीके से रह रहा था। इन्हीं घटनाओं को देखते हुए वीसी प्रो। टीएन सिंह ने कठोर नियम बनाए हैं। चीफ प्रॉक्टर के संग वीसी प्रो। टीएन सिंह हॉस्टल की सुबह-शाम जांच भी कर रहे हैं। स्टूडेंट्स को चेतावनी दी गयी है कि यदि जांच में बगैर परमिशन के कोई बाहरी मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ वार्डेन के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

मारपीट को मिलता है बढ़ावा

आलोक द्वारा वारदात के बाद अधिकतर छात्रों ने रूम बदल दिया है। फेस्टिवल की छुट्टी की वजह से भी हॉस्टल खाली हो गया है। कुछ छात्रों ने बताया कि विद्यापीठ के एनडी हॉस्टल में बाहरी छात्रों का जुटान पूर्व की दिनों से होता आ रहा है। घटना के बाद से अब जाकर थोड़ी राहत मिली है। बाहरी छात्रों के प्रवेश पर आपत्ति करने वाले छात्रों से कैंपस में मारपीट की जाती है।

दोनों हॉस्टल की सुरक्षा बढ़ाई गई है।

शिफ्टवार दो गार्डो को तैनात कराया गया है। वहीं बाहरी छात्रों को हास्टल में स्टे कराने के लिए संबंधित हॉस्टलर्स को अब परमिशन की प्रक्रिया से गुजरना होगा।

डॉ। शंभूनाथ उपाध्याय, चीफ प्रॉक्टर

काशी विद्यापीठ