लखनऊ कांड का पड़ा असर

विद्यापीठ की वार्षिक परीक्षा स्थगित होने के पीछे सबसे बड़ा फैक्टर बुधवार को लखनऊ में टीचर्स पर हुआ लाठीचार्ज और उनकी गिरफ्तारी को माना जा रहा है। इस घटना के विरोध में गुरुवार को अध्यापक संघ की आम सभा मानविकी संकाय थियेटर में डॉ। अनिल कुमार उपाध्याय की अध्यक्षता में हुई। इसमें उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, विद्यापीठ से सम्बद्ध महाविद्यालयी शिक्षक संघ तथा प्राचार्य संघ के पदाधिकारी भी शामिल हुए। इसमें टीचर्स की मांगों को दोहराते हुए तय किया गया कि लखनऊ में टीचर्स की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश शासन के रवैये के विरोध में टीचर्स अब परीक्षा ड्यूटी का बहिष्कार करेंगे। मीटिंग के बाद सभी टीचर्स जुलूस के रूप में वीसी प्रो। पी। नाग के पास गए और यहां परीक्षा स्थगित करने की मांग की। मीटिंग में प्रो। ओम प्रकाश सिंह, डॉ। काशी नाथ सिंह, वीरेन्द्र सिंह, डॉ। उदयन मिश्र, डॉ। अशोक पाण्डेय, डॉ। शम्भू उपाध्याय, डॉ। हरिश्चन्द्र सिंह, डॉ। सुमन ओझा मेनली प्रेजेंट रहे।

ऑनलाइन परीक्षा फार्म भी वजह

परीक्षा स्थगित किये जाने के पीछे आनलाइन परीक्षा फार्म फीलिंग में काफी स्टूडेंट्स के छूट जाने की बात भी सामने आ रही है। इसके अलावा विद्यापीठ में सैकड़ों ऐसे भी स्टूडेंट्स हैं जिन्होंने बिना फीस एडमिशन लिया है और अब तक उनका फीस रिफंड विद्यापीठ को नहीं मिला है। इसी वजह से उन्हें एडमिट कार्ड नहीं दिया जा रहा है। माना जा रहा है, इन वजहों को भी ध्यान में रखते हुए परीक्षा स्थगित की गयी है।

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परीक्षा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का डिसीजन अपरिहार्य कारणों से लिया गया है। जल्द ही हम परीक्षा के बारे में नयी तारीखों की घोषणा करेंगे। इस मामले में जल्द ही डिसीजन हो जाएगा।

- साहब लाल मौर्या, रजिस्ट्रार, काशी विद्यापीठ