JAMSHEDPUR: रांची में रिम्स के बाद जमशेदपुर का महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज व अस्पताल ई-हॉस्पिटल बनेगा। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव निधि खरे ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि एमजीएम हॉस्पिटल को डेवलप करने की हर संभव कोशिश की जा रही है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की कुल 29 खामियों में अभी भी सात कमियों को दूर करना बाकी है, जिन्हें जल्दी ही दूर किया जाएगा। निधि खरे ने बताया कि एमजीएम में एमबीबीएस की 150 सीटें किए जाने की तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि इसी साल से हजारीबाग, दुमका व पलामू में 100 सीटों पर एमबीबीएस में एडमिशन होगा। अगले दो से तीन वर्षो में मेडिकल की सीटें और तेजी से बढ़ाई जाएंगी।

इलाज में आसानी

निधि खरे ने कहा कि एमजीएम में जल्द ही ई-हॉस्पिटल की सेवा लागू कर दी जाएगी। इसके जरिए मरीज का इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल डाटा रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। सॉफ्टवेयर के डाटा में मरीज का एक बार नाम दर्ज होने के बाद वह मरीज देश के किसी भी ई-हॉस्पिटल में उपचार कराने जाएगा, तो मरीज को अलग से अपना मेडिकल रिकॉर्ड दिखाने की जरूरत नहीं होगी। एमजीएम में यह सुविधा जल्द ही लागू होगी। ई-हॉस्पिटल से एक बार पर्ची लेने पर मरीज को दो नंबर मिलेंगे। एक यूएचआइडी नंबर और दूसरा इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिसोर्स होगा। एक नंबर उस हॉस्पिटल के लिए यूनिक होगा। दूसरा नंबर पूरे देश में इस्तेमाल होगा। जैसे कोई मरीज अपना नाम व ई-हेल्थ आइडेंटिफिकेशन नंबर देगा, उसका रिकार्ड चिकित्सक के सामने आ जाएगा। इससे उसका इलाज आसानी से होगा।

सबकुछ होगा ऑनलाइन

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि ई-हॉस्पिटल में सबकुछ ऑनलाइन होगा। इसमें दवा से लेकर डॉक्टर व जांच रिपोर्ट तक शामिल होगा। किस विभाग में कौन डॉक्टर है या नहीं, उन सबकी निगरानी बेहतर ढंग से हो सकेगी। जो डॉक्टर अपनी ड्यूटी में लापरवाही या अनुपस्थिति रहते हैं उनके खिलाफ सख्ती के साथ कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारियों संग की मीटिंग

अस्पताल में निधि खरे ने एमजीएम के प्रिंसिपल डॉ। एसी अखौरी, अधीक्षक डॉ। एसएन झा, उपाधीक्षक डॉ। नकुल प्रसाद सहित सभी विभागाध्यक्षों के साथ मीटिंग की और उनकी समस्याओं को जानी। वहीं उन्होंने कहा कि कैंसर सेंटर व बर्न यूनिट को भी विकसित किया जाएगा। मीटिंग में उपायुक्त अमित कुमार व एसडीओ माधवी मिश्रा भी उपस्थित थीं।

250 जन औषधि केंद्र खुलेंगे

निधि खरे ने कहा कि प्रदेश में 250 जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। इसके लिए एमओयू भी हो चुका है। अगर कोई भी व्यक्ति जन औषधि केंद्र खोलना चाहता है तो वह आवेदन कर सकता है। इसमें विभाग उन्हें पूरी मदद करेगा। वहीं डॉक्टरों का भी फर्ज बनता है कि वह मरीजों को जेनरिक दवा ही लिखें। ताकि सस्ते दर पर मरीजों को दवाइयां मिल सके। उन्होंने कहा कि एमजीएम में जन औषधि केंद्र अब नहीं खोला जाएगा, क्योंकि एमजीएम में पहले से ही सस्ती दरों पर दवाइयां उपलब्ध हैं।