JAMSHEDPUR: स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव निधि खरे 24 घंटे पहले महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल (एमजीएम) कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण की। इस दौरान उन्होंने सभी सीनियर चिकित्सकों को निर्देश दिया कि वे आदर्श स्थापित करें। उनसे ही जूनियर डॉक्टर सीखते हैं और अस्पताल की छवि सुधरेगी। समय पर ड्यूटी नहीं आने वाले चिकित्सकों पर उन्होंने सख्ती के साथ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

बुधवार को दैनिक जागरण की टीम एमजीएम अस्पताल पहुंची। समय शाम 4 बजे। ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मरीजों की भीड़ थी। पर्ची लेकर मरीज जल्दी-जल्दी ओपीडी पहुंचे हैं। जब वे ओपीडी पहुंचते हैं तो पता चलता है कि डॉक्टर साहब आए ही नहीं हैं। हड्डी रोग विभाग का दरवाजा खुला भी नहीं था। 40 मिनट तक यानी 4.40 बजे तक कोई भी सीनियर डॉक्टर ओपीडी नहीं पहुंचा था। दैनिक जागरण की टीम को देखकर ओपीडी में तैनात कर्मचारी आनन-फानन में डॉक्टरों को फोन कर जानकारी देने लगे कि मिडिया वाले आये हैं। फोटो खींच रहे हैं। इसके 10 से 15 मिनट के बाद जूनियर डॉक्टर ओपीडी में पहुंचने लगे। बीते 14 जुलाई को भी दैनिक जागरण की टीम ने सुबह के वक्त ओपीडी का जायजा लिया था तब भी अधिकांश डॉक्टर नहीं पहुंचे थे। करीब डेढ़ घंटे बाद डॉक्टर ड्यूटी पहुंचते हुए पाये गए थे। इसे अधीक्षक डॉ। एसएन झा ने गंभीरता से लिया था। दूसरे दिन ओपीडी का निरीक्षण किया और सभी चिकित्सकों को समय पर आने का सख्त निर्देश दिया था। मेडिसीन ओपीडी में भीड़ अधिक थी। शाम 4 बजे ही एक दर्जन से अधिक मरीज पर्ची कटाकर ओपीडी के बाहर खड़े थे। डॉक्टर नहीं होने के कारण वे लोग इंतजार कर रहे थे। इस दौरान चिकित्सक कक्ष में एक ही डॉक्टर मौजूद थे। 10 मिनट के बाद एक जूनियर डॉक्टर पहुंचे। सर्जरी ओपीडी में एक जूनियर डॉक्टर तैनात थी। पर, रजिस्टर में नाम दर्ज करने वाले कर्मचारी नहीं पहुंचे थे। इसके कारण मरीज बाहर में ही खड़े थे। सीनियर डॉक्टर भी नहीं पहुंचे थे। 15 मिनट के बाद रजिस्टर पर नाम दर्ज करने वाले कर्मचारी पहुंचे। इसके बाद मरीजों का इलाज शुरू हो सका।