सिक्योरिटी पर सवाल

एमजीएम मेडिकल कॉलेज की सिक्योरिटी पर हर वक्त सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इसमें सुधार होता नहीं दिख रहा। अब तो हॉस्पिटल की थर्ड आई भी Žलाइंड हो गई है। ऐसे में सिचुएशन और भी भयावह हो गई है। अब अगर कैम्पस में कोई भी घटना होती है तो उसपर सीसीटीवी कैमरे का पहरा नहीं होगा।

हैं 3 CCTV cameras
एमजीएमसीएच में तीन सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इनमें से एक इमरजेंसी के अंदर गैलरी में, दूसरी इमरजेंसी के बाहर पार्किंग के पास व तीसरी एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग के पर। एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग के ऊपर लगे कैमरे से मेन गेट व आस-पास की एरिया पर नजर रखी जाती है, लेकिन अब इन जगहों पर किसी की नजर नहीं रहेगी। इन कैमरों का कनेक्शन हटा दिया गया है।

इसलिए काटे गए हैं connection
एमजीएम हॉस्पिटल में करीब 5 करोड़ रुपए की लागत से रिनोवेशन वर्क चल रहा है। यह काम पिछले लगभग 5-6 महीनों से चल रहा है और तब से कैमरा का कनेक्शन काट दिया गया है। इस कारण कैमरे यूजलेस हो गए हैैं और इसके जरिए अब कैम्पस में हो रही किसी भी एक्टिविटी पर नजर नहीं रखी जा पा रही है।

15 CCTV cameras की है requirement
इन्फॉर्मेशन के मुताबिक एमजीएम हॉस्पिटल में फिलहाल तीन ही सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जबकि यहां 15 कैमरे होने चाहिए। यहां कई ऐसे जगह हैैं जहां कैमरे लगाने की जरूरत है। फॉर्मर सुपरिंटेंडेंट डॉ एसएस प्रसाद ने इसे लगाने की दिशा में प्रयास भी किया था, लेकिन उनकी अचानक डेथ हो जाने के कारण यह मामला लटक गया। सीसीटीवी कैमरा की मॉनिटरिंग सुपरिंटेंडेंट के चैम्बर से ही होती थी। सेकेंड फ्लोर पर बने नए सुपरिंटेंडेंट के चैम्बर में इसका कनेक्शन भी नहीं जोड़ा जा सका है।

चोरी की घटना में हुआ FIR
एमजीएम हॉस्पिटल व कैम्पस में कई इंसिडेंट्स हो चुके हैं। एक-दो दिन पहले ही हॉस्पिटल के कांट्रेक्टर दिनेश राय द्वारा यहां की पुरानी खिड़कियों की चोरी कर ले जाया जा रहा था। हालांकि, सिक्योरिटी गाड्र्स की नजर पड़ जाने के कारण चोरी की घटना पकड़ में आ गई। आज इस मामले में आरोपी के खिलाफ कम्प्लेन दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

चोरी व रेप की घटनाएं भी आ चुकी हैं सामने
इससे पहले कैम्पस से बाइक व साइकिल की चोरी हो चुकी है। इसके अलावा महिला के साथ छेडख़ानी व हॉस्पिटल कैम्पस में रेप के मामले भी सामने आ चुके हैं। इमरजेंसी के पास से ही एक बच्चे को किडनैप कर लिया गया था। बाद में सीसीटीवी कैमरे से इसकी जानकारी मिली थी।  


आसान नहीं रहेगा चोरी करना
एमजीएम हॉस्पिटल में चोरी व दूसरी इल्लीगल एक्टिविटिज को रोकने की दिशा में एक बार फिर से प्रयास शुरू कर दिया गया है। इसके तहत सुपरिंटेंडेंट आरवाई चौधरी ने गवर्नमेंट को लेटर लिखा है। इसमें हॉस्पिटल के मेन गेट पर इलेक्ट्रिकल बैरिकेडिंग करने की जरूरत बतायी गई है। इलेक्ट्रिकल बैरीकेडिंग मेटल डिटेक्टर की तरह ही वर्क करेगी। अगर कोई चोरी कर भागना चाहेगा तो वह पकड़ में आ जाएगा। गवर्नमेंट से परमीशन मिलने के बाद इस दिशा में जल्द ही काम स्टार्ट होगा।

Buildings को connect करने के लिए बनेगा ramp
इसके अलावा हॉस्पिटल की बिल्डिंग्स को एक दूसरे के साथ कनेक्ट करने की दिशा में भी प्रयास चल रहा है। इसके लिए भी गवर्नमेंट को पत्र लिखा गया है। वर्तमान में होता यह है कि एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग में जाने के लिए लोगों को ग्र्राउंड फ्लोर पर आकर दूसरे बिल्डिंग में जाना पड़ता है। लोगों की प्रॉŽलम को देखते हुए अब हर बिल्डिंग में रैम्प बनाया जाएगा।

हॉस्पिटल को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास चल रहा है। अभी रिपेयरिंग वर्क के कारण सीसीटीवी कैमरों के कनेक्शन काट दिए गए हैं। उसे जल्द से जल्द कनेक्ट करने के लिए टेक्निशियन को कहा गया है।
-डॉ आरवाई चौधरी, सुपरिंटेंडेंट, एमजीएमसीएच

Report by : goutam.ojha@inext.co.in