JAMSHEDPUR: महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज में अगले साल से शुरू होने वाली पीजी की पढ़ाई में पेच फंस सकता है। प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर ढूंढने से भी नहीं मिल रहे हैं। उनकी नियुक्ति के लिए सरकार कई बार विज्ञापन निकाल चुकी है लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं पहुंच रहे है। इससे सरकार की चिंता बढ़ गई है।

सरकार ने एमजीएम में 57 सीट पर पीजी की पढ़ाई शुरू करने की एनओसी दी है। प्रोफेसरों की कमी होने की वजह से एमबीबीएस कोर्स पर भी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की तलवार लटक रहीं है। मार्च में एमसीआइ की टीम कॉलेज का निरीक्षण करने आने वाली है लेकिन प्रोफेसरों की कमी जस की तस बनी हुई है। चिंता का विषय यह भी है कि फरवरी-मार्च तक करीब आधे दर्जन से अधिक प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर रिटायर्ड हो जाएंगे, जिससे एमबीबीएस की सीट भी एमसीआइ घटा सकती है। फिलहाल एमजीएम में 100 सीट पर एमबीबीएस की पढ़ाई हो रही है। इसमें प्रोफेसर के 18, असिस्टेंट प्रोफेसर के 15, एक ट्यूटर व सीनियर रेजीडेंट के 16 पद खाली हैं।

बढ़ सकता है डॉक्टरों के रिटायर्ड होने का समय

प्रदेश में चिकित्सकों की भारी कमी होने की वजह से उनके रिटायर्ड होने का समय दो साल बढ़ सकता है। सरकार इसपर विचार कर रहीं है। फिलहाल चिकित्सकों के रिटायर्ड होने की उम्र 65 साल है। वैकल्पिक तौर पर रिटायर्ड चिकित्सकों को प्रोन्नति देकर बहाली की जा रही है लेकिन इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।

इतने पद हैं खाली

प्रोफेसर-18

असि। प्रोफेसर-15

सीनियर रेजीडेंट-16

ट्यूटर-01

पीजी के लिए सरकार की तरफ से एनओसी मिल गई है। अब एमसीआइ की टीम मार्च में निरीक्षण करने आएगी। प्रोफेसर चिकित्सकों की कमी जरूर है, इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। कॉलेज में आधारभूत संरचना बढ़ाई गई है।

- डॉ। एसी अखौरी, प्रिंसिपल, एमजीएम।