छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ। भारतेंदु भूषण जांच के घेरे में आ गये हैं। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव निधि खरे ने कंप्यूटर घोटाला को गंभीरता से लेते हुए आरोपित ठेकेदार व अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया है।

अधिक दाम पर खरीदे उपकरण

उपायुक्त की जांच में पता चला कि कंप्यूटर व प्रिंटर बाजार से काफी अधिक दाम पर खरीदी गई है। इसके बाद उपायुक्त ने एजेंसी को काली सूची में डालकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद अधीक्षक ने एक अप्रैल को इसी एजेंसी को एक साल के लिए टेंडर रिव्यू कर दिया। इसकी सुचना मिलने पर उपायुक्त ने अधीक्षक को टेंडर रद्द करने को कहा था। वहीं इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को मिलने पर उन्होंने भी अधीक्षक से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। चार अप्रैल को ठेका रद्द कर मेसर्स एडवांस बिजनेस कारपोरेट एजेंसी को दिया गया है। इससे अधीक्षक और भी संदेह के घेरे में आ गए हैं।

क्या है पूरा मामला

एमजीएम में ढ़ाई करोड़ की लागत से सेंट्रल कंप्यूटराइजेशन सिस्टम के लिए मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ एएन मिश्रा द्वारा टेंडर निकाला गया था। यह टेंडर मेसर्स ओसियन इंटरप्राइजेज को दिया गया था जिसपर गलत ढंग से देने का आरोप था। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री जन संवाद में भी की गई थी। इसके बाद उपायुक्त ने एडीसी और सिविल सर्जन को जांच का आदेश दिया था।