पहले मिले वीसी से

कमेटी मेंबर्स में शामिल यूजीसी के पूर्व चैयरमेन प्रो। सुखदेव थोराट और आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर प्रो। संजय गोविंद धंाडे ट्यूजडे को इलाहाबाद पहुंचे। एमएनएनआईटी गेस्ट हाउस में दो बजे के करीब पहुंचने के बाद साढ़े तीन बजे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी गए। वीसी ऑफिस में जाकर कमेटी मेंबर्स ने सबसे पहले वाइस चांसलर से जानकारी ली।

सभी हॉस्टल्स की रिपोर्ट भी ली

जांच कमेटी मेंबर्स ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हर मेंबर से अलग-अलग बातचीत की। वीसी के साथ मीटिंग के बाद उन्होंने डीन से मुलाकात की। वहीं मेंबर्स ने इसके बाद हॉस्टल सुप्रीटेंडेंट्स, डीएसडब्ल्यू और वार्डेन से बात की। सोर्सेज की मानें तो इस दौरान मेंबर्स ने हॉस्टल खाली कराए जाने के मामले को गंभीरता से लिया और सभी यूनिवर्सिटी के हॉस्टल्स की जानकारी ली। रिपोर्ट में उन्होंने हॉस्टल की संख्या, फैसिलिटी, स्टूडेंट्स की संख्या और फीस आदि का ब्योरा मांगा।

हम कहने नहीं सुनने आए हैं

आखिरी में कमेटी ने हॉस्टल्स में रहने वाले स्टूडेंट्स से पूछताछ की और उनके सुझाव मांगे। इस दौरान हॉल में कमेटी मेंबर्स यूजीसी के पूर्व चैयरमेन प्रो। सुखदेव थोराट और आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर प्रो। संजय गोविंद धंाडे के अलावा स्टूडेंट्स मौजूद थे। सोर्सेज की मानें तो जब स्टूडेंट्स ने उनसे अपनी प्रॉब्लम के सॉल्यूशन के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि मैं इस समय केवल तुम लोगों की प्रॉब्लम सुनने आया हूं कुछ कहने नहीं। सोर्सेज की मानें तो कमेटी मेंबर्स ने कहा कि आप जो भी कह रहे हैं इसके लिए मैं मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सामने रिपोर्ट प्रस्तुत करूंगा।

विजिट करके जानेंगे सच्चाई

कमेटी मेंबर्स के सामने हॉस्टल के स्टूडेंट्स ने अपनी प्रॉब्लम्स रखीं। इस दौरान विकास ने कहा कि मीटिंग में कमेटी मेंबर्स को अभी तक यूनिवर्सिटी में हुई लाठीचार्ज की वजह, सुविधाओं और लाठीचार्ज की रिकॉर्डेड सीडी और लिखित दिया गया। विकास की मानें तो स्टूडेंट्स ने जब बताया कि हॉस्टल में सुविधा के नाम पर मेस तक नहीं है। ऐसे में कमेटी मेंबर्स ने कहा कि सेंटर यूनिवर्सिटी होने की वजह से ये तो होना चाहिए। इसके अलावा कमेटी मेंबर्स वूमंस हॉस्टल में जाकर वहंा पर रहने वाली स्टूडेंट्स से भी मिले। वेडनसडे को कमेटी मेंबर्स असलियत जानने के लिए एयू हॉस्टल्स का विजिट भी करेंगे।

इसलिए जांच के लिए आई कमेटी

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के सेंट्रल यूनिवर्सिटी होने के बावजूद  आगजनी और प्रदर्शन आम बात हो गई है। कुछ ऐसा ही हॉस्टल खाली कराए जाने के संबंध में वीसी का आदेश था। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना था कि इन हॉस्टल में अवैध स्टूडेंट्स रहते हैं साथ ही हॉस्टल को मरम्मत के लिए खाली कराना है। आदेश वापसी के लिए कई बार स्टूडेंट्स वीसी प्रो। अनिल कुमार सिंह से अपनी बात कहने के लिए सीनेट हॉल के सामने लामबंद हुए। 26 अप्रैल को वाइस चांसलर से मिलने की कोशिश की गई तो स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज कर दिया गया। ऐसे में यूनिवर्सिटी में आगजनी और तोडफ़ोड़ भी हुई। इस मामले को मानव विकास संसाधन मंत्रालय ने गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए कमेटी गठित कर दी।