- तेलियरगंज टीबी हॉस्पिटल में रोजाना आ रहे 15 से 20 मरीज

- हाल ही में हुई पीडियाट्रिशियन की तैनाती, खतरनाक संकेत है मरीजों का आना

<- तेलियरगंज टीबी हॉस्पिटल में रोजाना आ रहे क्भ् से ख्0 मरीज

- हाल ही में हुई पीडियाट्रिशियन की तैनाती, खतरनाक संकेत है मरीजों का आना

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: स्वास्थ्य विभाग को यह आंकड़े निश्चित तौर पर परेशानी में डाल सकते हैं। पब्लिक को भी होशियार रहने की जरूरत है। बात हो रही टीबी यानी ट्यूबरकुलोसिसकी। बच्चों में यह जानलेवा बीमारी तेजी से फैल रही है। जिसका जीता-जागता एग्जाम्पल हैं तेलियरगंज स्थित टीबी हॉस्पिटल में रोजाना आने वाले दर्जनों मरीज। डॉक्टर खुद हैरान हैं, उनका कहना है कि शुरुआती लक्षणों के आधार पर इलाज मिल जाए तो मरीज को जल्द ठीक किया जा सकता है।

शुरू हो गई बच्चों की ओपीडी, आने लगे मरीज

हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने टीबी हॉस्पिटल में बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती की है। इसके बाद जो आंकड़े सामने आए वह चौंकाने वाले हैं। तैनात हुए पीडियाट्रिशियन डॉ। मनीष चौरसिया ने बताया कि रोजाना क्भ् से ख्0 बच्चे आ रहे हैं जो टीबी से ग्रसित हैं। इन बच्चों की जांच और इलाज दोनों फ्री ऑफ कास्ट उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही परिजनों को भी मरीजों के देखभाल की सलाह दी जा रही है। उन्होंने बताया कि कुछ लक्षणों के आधार पर बच्चे को डॉक्टर को दिखाया जा सकता है।

यह हैं वह लक्षण

- बच्चे का वजन न बढ़ रहा हो

- गले के दोनों ओर गिल्टियां हों

- बच्चा शारीरिक रूप से दुर्बल होने के साथ सुस्त हो

- उसके पेट में लगातार दर्द बना रहता हो

- हर क्भ् दिन में सर्दी, खांसी और बुखार का असर होना

- भूख न लगना और चिड़चड़ापन होना

अमीरी-गरीबी देखकर नहीं होती टीबी

डॉक्टरों का कहना है कि टीबी संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है और यह किसी खास वर्ग के बच्चों को निशाना नहीं बनाती है। इसकी चपेट में एक से क्ख् साल तक के बच्चे आ सकते हैं। खासतौर से वह बच्चे जो घनी आबादी में रहते हैं और आसपास टीबी से संक्रमित मरीज रहता है, वह टीबी के शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा कुपोषण भी एक बड़ा कारण है। बच्चों को उचित खानपान या पोषण नहीं मिलने से वह इफेक्टेड हो जाते हैं। अगर घर के किसी सदस्य को लगातार खांसने की दिक्कत हो तो उनकी जांच जरूर कराएं।

- अगर टीबी हॉस्पिटल में ऐसे मरीज आ रहे हैं तो इसकी मॉनीटरिंग की जाएगी। मरीजों को बेहतर इलाज फ्री में उपलब्ध कराया जा रहा है। लोगों को जागरुक करने की जरूरत है।

डॉ। पदमाकर सिंह, सीएमओ, इलाहाबाद