इस ब्रा के शुरुआती डिज़ाइन में ऐसे सेंसर लगे हैं जो दिल और त्वचा की गतिविधियों के आधार पर मानसिक तनाव के बारे में बताते हैं.

इस ब्रा का मकसद ऐसी तकनीक खोजना है जिसे पहन कर अत्यधिक तनाव के कारण ज़्यादा खाने की समस्या को रोका जा सके.

ब्रा को पहनने वाली महिला को एक स्टार्टफोन ऐप के जरिए उसके मूड के बारे में जानकारी दी जाती है कि कब आपके 'ज्यादा खाने की संभावना' है. हालांकि कंपनी ने अभी इस ब्रा का केवल प्रोटोटाइप बनाया है.

माइक्रोसॉफ्ट के विजुलाइजेशन और इंट्रैक्शन रिसर्च ग्रुप की एक टीम ने ब्रा में एक इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम और इलेक्ट्रो-डर्मल एक्टीविटी सेंसर्स के अलावा एक जायरोस्कोप और इलेक्ट्रोमीटर लगाया है.

अपने शोधपत्र में शोधकर्ताओं ने कहा है, "ऐसे ब्रा का इस्तेमाल काफी फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे दिल का ईकेजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) लिया जा सकता है."

पुरुषों के लिए इस तरह के अंडरवियर बनाने की कोशिश खास कामयाब नहीं हुई थी. संभवतः इसकी वजह सेसरों का दिल से खासा दूर होना था.

इलेक्ट्रिक शॉक

जिन महिलाओं पर स्मार्ट ब्रा का परीक्षण किया गया, उन्होंने चार दिनों तक हर रोज छह घंटे तक अपनी भावनाओं के बारे में बताया.

माइक्रोसॉफ़्ट की वरिष्ठ शोध डिज़ाइनर अस्ता रोसवे ने कहा, ''हमारे प्रोटोटाइप सेंसिंग सिस्टम को पहनने वाली महिलाओं के लिए यह बेहद थकाऊ था क्योंकि सेंसरों को हर तीन-चार घंटों बाद रिचार्ज करना था.''

स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न जानकारियां जमा करने के लिए शरीर पर पहनी जा सकने वाली तकनीक का प्रयोग बढ़ रहा है.

पिछले माह एक ट्विटर कनेक्टेड ब्रा रिलीज हुई थी. इस ब्रा को जब खोला जाता है तो यह ट्वीट करती है. इसे महिलाओं को अपने स्तनों के स्व-परीक्षण के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बनाया गया है.

पिछले साल एक अमरीकी कंपनी को शरीर पर पहने जा सकने वाले एक डिवाइस का पेटेंट मिला था जो स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए स्तन की गर्मी का विश्लेषण करता है.

इस बीच भारत में बलात्कार की कई घटनाओं के सामने आने के बाद इंजीनियरिंग के तीन छात्रों ने सेंसर्स और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट लगे ब्रा का विकास किया, जो इसे पहनने वाली महिला के साथ जोर-जबरदस्ती करने पर सक्रिय हो जाता है.