- इस्लामियां ग‌र्ल्स में फल की बजाय मिलता बिस्किट, जिस दिन फल उस रोज भूखे रहती बच्चियां

BAREILLY:

मध्यावकाश भोजन योजना के तहत विद्यालयों में नियमानुसार एमडीएम का वितरित नहीं किया जा रहा है। बच्चों के मुंह से पहले ही उनके निवाले को निगल लिया जाता है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब सीडीओ औचक निरीक्षण को निकले। नाराजगी जताकर काम करने वाली संस्था का नोटिस भेजकर जवाब-तलब किया है। साथ ही इस लापरवाही पर एमडीएम सेल पर भी उन्होने नजरें सख्त की है।

इस्लामियां ग‌र्ल्स स्थित प्राइमरी विंग में हुए होश गायब

दरअसल, थर्सडे को बीएसए तनुजा त्रिपाठी के साथ सीडीओ एमडीएम वितरण का औचक निरीक्षण करने निकले। सबसे पहले शाहमतगंज के मौलाना आजाद इंटर कॉलेज पहुंचे। हालांकि, जब तक वितरण हो चुका था। जब विद्यार्थियों से पूछताछ में स्थिति संतोषजनक मिली तो आगे बढ़ गए, लेकिन इस्लामियां ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज में स्थित प्राइमरी विंग में पहुंचे तो उनके होश उड़ गए। यहां बालिकाओं को मौसमी फल बांटने वाले दिन बिस्कुट खाकर गुजरा करना पड़ता है। जब एक केला दे दिया जाता है तो पूरा दिन बिना भोजन के बिताना पड़ता है। जिस पर उन्होंने शिक्षा विभाग के अफसरों को कार्रवाई के निर्देश दिए।

दीवारों पर नहीं लिखवाया मैन्यू,

स्कूलों में प्रतिदिन वितरित होने वाले भोजन का मैन्यू दीवारों पर लिखा होना चाहिए। लेकिन निरीक्षण के दौरान दीवारों पर कोई इसका पोस्टर तक चस्पा नहीं मिला। जबकि मौसमी फल के साथ नियमानुसार भोजन भी देना होता है। ऐसे में एमडीएम सेल की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई। जिस पर सीडीओ ने एमडीएम सेल की भूमिका की जांचने की बात कही है।

वर्जन

जब तक विद्यालयों में पहुंचे तो एमडीएम वितरित हो चुका था। लेकिन इस्लामियां ग‌र्ल्स में बच्चियों ने नियमानुसार वितरण की पुष्टि की। जिस पर कार्यदायी संस्था जवाब तलब करने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं।

सत्येंद्र कुमार, सीडीओ