-चौबेपुर के गवर्नमेंट स्कूल में हुई घटना

-मिड डे मिल के नाम पर परोसे गए सोयाबीन व चावल को खाने के बाद पांच बच्चे हुए बीमार

-हॉस्पिटल में कराया गया एडमिट, तीन बच्चे डिस्चार्ज, दो का चल रहा इलाज

VARANASI: चौबेपुर के मिल्कोपुर गांव के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शनिवार की दोपहर एमडीएम के नाम पर परोसे गए सोयाबीन की सब्जी व चावल खाने के बाद दो फैमिलीज के पांच बच्चों की तबियत अचानक बिगड़ गई। बच्चों को लगातार उल्टी दस्त की कम्पलेन होने पर उन्हें रविवार की सुबह डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। जहां देर शाम एक फैमिली के तीन बच्चों को डिस्चार्ज कर दिया गया।

स्कूल से लौटते ही हालत बिगड़ी

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पं। दीनदयाल उपाध्याय में एडमिट बच्चों के पेरेंट्स के मुताबिक शनिवार की दोपहर क्ख् बजे बच्चे जब घर पहुंचे तो कुछ ही देर बाद बच्चों को पेट में दर्द होने के साथ ही उन्हें उल्टी दस्त स्टार्ट हो गयी। जिसके बाद उनका एक प्राइवेट हॉस्पिटल में चेकअप कराया गया लेकिन रात तक तबियत ठीक नहीं हो पाई। पेरेंट्स की मानें तो पड़ोस के परिवारों के कुछ बच्चों की भी हालत खराब हुई है। उनका भी चेकअप प्राइवेट हॉस्पिटल में चल रहा है।

बच्चों को रोता देख मम्मी बेहोश

मिल्कोपुर निवासी राकेश के तीन बच्चों में निलेश क्लास-7, नितेश क्लास-ब् व नेहा क्लास थ्री में पढ़ती है। जबकि छोटे भाई विनोद के दो बच्चे आदित्य क्लास-ख् व खुशी आंगनबाड़ी में पढ़ती है। सभी बच्चे शनिवार की सुबह घर से नाश्ता करके स्कूल पढ़ने गए थे। वहां दोपहर में उन्हें एमडीएम में सोयाबीन आलू की सब्जी व चावल खाने को मिला था। घर लौटने पर बच्चों की हालत खराब हो गई। उल्टी दस्त से कराहने लगे। ये देख विनोद की वाइफ रेखा की भी हालत बिगड़ गई। बच्चों के साथ उन्हें भी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। इमरजेंसी वॉर्ड में एडमिट बच्चों में निलेश, नितेश व नेहा की हालत में सुधार होने पर देर शाम उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। जबकि आदित्य व खुशी के साथ-साथ उनकी मम्मी रेखा का अभी इलाज चल रहा है।

तब होते कई बच्चे बीमार

स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन की मानें तो बच्चों की हालत एमडीएम से नहीं बल्कि घर का खाना खाने से बिगड़ी है। क्योंकि स्कूल में एक साथ पांच सौ बच्चों के लिए एमडीएम का खाना बनता है। लेकिन अन्य बच्चों की हालत नहीं बिगड़ी है। सिर्फ एक फैमिली के बच्चों की हालत खराब हुई है। जो घर से ही कुछ खाकर आए हुए थे। अगर एमडीएम में गड़बड़ी की बात होती तो एक साथ कई बच्चे बीमार पड़ते।

बच्चों की हालत एमडीएम खाने से नहीं खराब हुई है। घर में खाना खाने के बाद से ही बच्चे बीमार पड़े। स्कूल के प्रिसिंपल से इसकी जानकारी ली गई। जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई।

आरसीएस यादव

बीएसए