फिर तैरेंगी पॉश कालोनियां

मौसम वैज्ञानिकों की माने तो 15 जून से बारिश शुरू हो जाएगी लेकिन मॉनसून की खबर ने सिटी की ज्यादातर पॉश कालोनियों में रहने वाले लोगों की रातों की नींद हराम कर दी है। उसकी वजह यह है कि उन्हें हर साल की तरह इस बार भी वाटर लॉगिंग से जूझना पड़ेगा।

अब तो आदत सी हो गई है

दाउदपुर, सूरजकुंड, बेतियाहाता, बुद्ध नगर, गोपलापुर, बिलंदपुर व रूस्तमपुर आदि मोहल्लों के निवासियों ने मॉनसून आने से पहले ही ग्राउंड फ्लोर में रखे सामान को फर्स्ट फ्लोर या सेकेंड फ्लोर पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। वार्ड नंबर 40 के बुद्ध नगर कालोनी के रहने वाले राजाराम ने बताया कि हर साल कॉलोनी में वॉटर लॉगिंग की समस्या से जूझना पड़ता है, अब तो आदत सी हो गई है। रहा सवाल सामान को शिफ्ट करने का उसे तो हर साल किया जाता है। ऐसा भी नहीं है कि यहां के पार्षद की कुछ पता नहीं है लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

नहीं है कोई प्लानिंग

वाटर लॉगिंग से निपटने के लिए न तो जीएमसी ने कोई तैयारियां की है और न ही जीडीए ने, हालांकि जीएमसी मेयर का यह दावा है कि बरसाती पानी से होने वाली वाटर लॉगिंग से निपटने के लिए सिटी के नालों का सफाई अभियान जारी है जबकि हकीकत में अभी कहीं सफाई नहीं की जा रही है। वहीं जीडीए की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, जहां वाटर लॉगिंग की समस्या थी वहां कीनालियों की सफाई कराई जा रही है।

बरसाती पानी घर में न आए इसलिए मेन गेट के स्लोप को ऊंचा कराया है। अब तो बारिश होने के बाद ही पता चल पाएगा कि पानी अंदर आ रहा है या नहीं। वैसे पानी से निपटने के लिए हमने पहले से ही तैयारियां कर ली हैं।

-विमला देवी

अगर जीडीए की तरफ से नालों की सफाई करा दी जाए तो वाटर लॉगिंग की समस्या नहीं आएगी लेकिन जीडीए कराता ही नहीं है। कजाकपुर, भरवलिया, विवेकपुरम और मुहई सुगरपुर आदि एरियाज का पूरी तरह  जलमग्न होना तय है।

-रविंद्र नाथ सिंह

नालों की सफाई के लिए अभियान चलाया जा रहा है लेकिन एनक्रोचमेंट आड़े आ रहा है। वाटर लॉगिंग से बचने के लिए किसी भी तरह नालों की सफाई कराई जाएगी। वहीं सीवेज सिस्टम के लिए गवर्नमेंट की तरफ से बजट मिल गया है। उम्मीद है अगले कुछ महीने में काम शुरू हो जाएगा.

डॉ। सत्या पांडेय, मेयर