RANCHI : सब्जी को स्वादिष्ट बनाने के लिए आप जिस मसाले का इस्तेमाल कर रहे हैं उसमें सबसे ज्यादा मिलावट की जा रही है। इसके अलावा छोटे स्वीट्स शॉप में बिकने वाली स्वीट्स में भी बड़े पैमाने पर मिलावट की जा रही है। लोकल पनीर, दूध और मेवा में भी मिलावट के अंश मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा रांची समेत राज्य भर के विभिन्न दुकानों से अप्रैल 2017 से जून 2018 तक कलेक्ट किए गए 580 फूड सैंपल की जांच में यह खुलासा हुआ है। झारखंड के इकलौते फूड लैब के फूड एनालिस्ट चतुर्भुज मीणा ने बताया कि सैंपल टेस्ट के दौरान 80 परसेंट फूड्स में मिलावट किए जाने का मामला सामने आया है।

लोकल पनीर में भी मिलावट

राजधानी रांची में जो लोकल पनीर बेची जा रही है उसमें भी बड़े स्तर पर मिलावट की जा रही है। फूड इंस्पेक्टर द्वारा विभिन्न दुकानों से लिए गए मिठाईयों के जो सैंपल लिए गए थे उसमें इस्तेमाल किए गए पनीर में मिलावट मिली है। इसके अलावा मावा और खोवा में भी मिलावटी पदार्थ मिलाकर तैयार किया जा रहा है।

नहीं होता कोई एक्शन

सैंपल में मिलावट किए जाने की बात सामने आने के बाद भी मिलावटखोरों के खिलाफ सरकारी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिखावे के लिए कुछ लोगों पर फाइन करके छोड़ दिया जाता है, यही वजह है कि मिलावटखोरों का हौसला बढ़ता जा रहा है और खाद्य पदार्थो में मिलावट का सिलसिला थम नहीं रहा है।

छोटे दुकानों व ठेले से न खरीदना !

राजधानी में ब्रांडेड के साथ-साथ छोटे दुकानों व ठेलों से फूड सैंपल लिए गए थे। जब इन सैंपल्स की जांच की गई तो छोटे दुकानों व ठेलों पर मिलने वाले खाद्य पदार्थो में सबसे ज्यादा मिलावट किए जाने की बात सामने आई, जबकि ब्रांडेड दुकानों से लिए गए सैंपल में मिलावट के काफी कम अंश मिले।

लिए गए थे 580 फूड सैंपल, ज्यादातर में मिलावट

फूड एनालिस्ट चतुर्भुज मीणा ने बताया कि अप्रैल 2017 से जून 2018 तक पूरे राज्य से करीब 580 सैंपल कलेक्ट किए गए थे। इसमें से 80 प्रतिशत तक के सैंपल की जो जांच कराई गई तो सबसे ज्यादा मिलावट मसाले में पाए गए। इसके अलावा पनीर, दूध और मावा में मिलावट का अंश मिला है। आटा-चावल में बहुत कम मिलावट मिले हैं।