-परिषदीय स्कूलों के बच्चों को दूध दिए जाने की सीएम ने बीते दिनों की थी घोषणा

- कैसे अमली जामा पहनेगी यह योजना, विभाग उहापोह की स्थिति में

UNNAO: परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वालेच्बच्चों को पौष्टिकता के लिए मिड-डे-मील के अतिरिक्त सप्ताह में एक दिन लगभग 200 एमएल। दूध दिया जाएगा। बीते दिनों मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की थी। जनपद में परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वालेच्बच्चों की संख्या को देखते हुए सप्ताह में 60 हजार लीटर दूध की जरूरत होगी। अब यह दूध कहां से आएगा या इसके लिए क्या कार्य योजना तैयार की गई है? फिलहाल जिला बेसिक शिक्षा विभाग में अभी तक इसके लिए कोई दिशा निर्देश नहीं आए हैं। इसे लेकर विभाग में उहापोह की स्थिति बनी हुई है। इस योजना का क्रियान्वयन कैसे हो सकेगा इस संबंध में किसी को कुछ भी मालूम तक नहीं है।

3 लाख 60 हजच्र बच्चे

मौजूदा स्थिति में जनपद भर में कुल 3,139 परिषदीय विद्यालय हैं। जिसमें 2,305 प्राथमिक विद्यालय हैं जिनमें में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 5 तक च्े बच्चे पढ़ते हैं। वहीं कुल 8च्4 उच्च प्राथमिक स्कूल हैं जिसमें कक्षा 6 से लेकर कक्षा 8 तक च्े बच्चे पढ़ते हैं। जनपद के इन परिषदीय विद्यालयों में लगभग 3 चख बच्चे पंजीकृत हैं। जिसमें प्राथमिक विद्यालयों में लगभग 2 लाख 80 हजार जब च् िउच्च प्राथमिक विद्यालय में लगभग 80 हजच्र बच्चे पढ़ते हैं।

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प्रति बच्चा 200च्एमएल

बच्चों की संख्या लगभग 3 लाख है। च््रत्येक बच्चे को सप्ताह में एक दिन लगभग 200 एमएल दूध दिया जाएगा। इस हिसाब से जनपद के परिषदीय स्कूलों में तकरीबन 60 हजार लीटर दूध की आवश्यकता होगी। अब यह दूध कहां से आएगा? क्या इसके लिए स्कूलों में दुधारू भैंसें आदि पाली जाएंगी अथवा दुग्ध केंद्रों से दूध के पाउच मंगाए जाएंगे? इस संबंध में कोई कुछ बताने की स्थिति में नहीं है? योजना कैसे क्रियान्वित होगी फिलहाल किसी को जानकारी नहीं है।

क्या कहते हैं एमडीएम प्रभारी

मिड-डे-मील प्रभारी रामजी का कहना है कि यहां अभी तक शासन से किसी भी तरह के कोई दिशा निर्देश या आदेश नहीं आच् हैं कि बच्चों को दूध दिए जाने की इस योजना को किस तरह से अमली जामा पहनाया जाएगा।

मिड-डेच्मील के साथ बच्चों को दूध वितरण की योजना को लेकर शासन से दिशा निर्देशों का इंतजार है। जैसे ही निर्देश मिलते हैं, उसी के अनुरूप क्रियान्वयन होगा।

- डॉ। मुकेश कुमार सिंह, बीएसए