रंगे हाथ पकड़े गए

पुलिस गिरफ्त में आए आरोपियों के नाम चंद्रपुरी निवासी मानसिंह, राजेश व वीरपाल तथा गांधी नगर निवासी जाकिर हुसैन उर्फ लालू हैं। सभी डेयरी संचालक हैं। पशु चिकित्सा अधिकारी रामलखन ने प्रेमनगर पुलिस को बताया कि चंद्रपुरी व अन्य एरिया में स्थित डेयरियों में भैंस को ऑक्सीटोसिन के इंजेक्शन लगाकर दूध निकाला जाता है। वेडनसडे सुबह प्रेमनगर पुलिस ने वेटेरिनरी डिपार्टमेंट की टीम के साथ ज्वाइंट छापेमारी की। ये सभी भैंस को इंजेक्शन लगा रहे थे। इनके पास से चार शीशी इंजेक्शन की दवा व सीरिंज मिली हैं।

खराब हो जाता है रिपोडक्टिव सिस्टम

आक्सीटोसिन एक हारमोन है जो पोस्टीरियर पिट्यूटरी ग्लैंड द्वारा सेक्रेटड व स्टोर होता है। इसका यूज महिलाओं में बच्चों की डिलीवरी व डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग रोकने लिए किया जाता है। लेकिन ज्यादातर डेयरी मालिक इसका मिसयूज करते हैं। इसका यूज एनिमल्स में बिना बच्चे के दूध निकालने व ज्यादा दूध निकालने में किया जाता है। इसकी वजह से एनिमल का रिपोडक्टिव सिस्टम खराब हो जाता है। यही नहीं यह दूध के जरिए ह्यूमन बॉडी में पहुंच जाता है, जो काफी खतरनाक होता है। इसका सबसे ज्यादा इफेक्ट बच्चों पर पड़ता है। उनकी सुनने व देखने की क्षमता कम हो जाती है। इसके अलावा एनर्जी भी कम होने लगती है।

इसके तहत की जा सकती है कार्रवाई

इंडिया में इस इंजेक्शन का यूज पूरी तरह से बैन है। लेकिन इसके बावजूद भी इसकी बिक्री धड़ल्ले से होती है। रेट कम होने की चलते डेयरी मालिक इसका यूज करते हैं। इसका यूज करने पर प्रिवेंशन आफ क्रयूल्टी टू एनिमल्स एक्ट 1960 के सेक्शन 12 व फूड एंड ड्रग एडल्ट्रेशन प्रिवेंशन एक्ट 1960 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।